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Up Kiran, Digital Desk: बिहार में विधानसभा चुनाव के पहले चुनाव आयोग ने वोटर लिस्ट को लेकर एक खास अभियान शुरू किया है। इस अभियान को 'विशेष गहन पुनरीक्षण' (SIR) नाम दिया गया है जो राज्य के सभी मतदाताओं की जानकारी को अपडेट करने का काम कर रहा है। आयोग का दावा है कि अब तक 94 प्रतिशत फॉर्म वितरित किए जा चुके हैं हालांकि इस प्रक्रिया में कुछ वोटर्स को कई तरह की समस्याओं का सामना भी करना पड़ रहा है। इन दिक्कतों को दूर करने के लिए चुनाव आयोग ने हाल ही में एक अहम फैसला लिया है जो वोटर्स के लिए राहत की खबर साबित हो सकता है।

चुनाव आयोग ने वोटर्स को एक बड़ी राहत दी है। अब उन्हें अपने गणना प्रपत्र (वोटर फॉर्म) को बिना किसी कागजी दस्तावेज के भी जमा करने की अनुमति मिल गई है। पहले जहां दस्तावेज़ों की जरूरत थी वहीं अब इस नए नियम के तहत संबंधित निर्वाचन अधिकारी स्थानीय जांच या अन्य साक्ष्यों के आधार पर ही फैसला करेंगे। यदि वोटर्स संबंधित दस्तावेज़ पेश करते हैं तो उन्हें प्रक्रिया में आसानी होगी लेकिन बिना दस्तावेज़ के भी गणना प्रपत्र स्वीकार किए जाएंगे।

इतना ही नहीं यदि किसी वोटर के पास ताजे फोटो की कमी है तो वह बिना फोटो के भी गणना फॉर्म को भरकर जमा कर सकता है। हालांकि जो लोग 2003 की वोटर लिस्ट में शामिल नहीं थे उन्हें जन्मतिथि और जन्मस्थान से संबंधित दस्तावेज़ जमा करने होंगे ताकि उनका नाम लिस्ट में शामिल किया जा सके।

चुनाव आयोग ने यह भी स्पष्ट किया है कि बिना दस्तावेज़ के भी गणना फॉर्म जमा कराने वाले वोटर्स का नाम ड्रॉफ्ट वोटर लिस्ट में शामिल किया जाएगा। यह प्रक्रिया ऑनलाइन और ऑफलाइन दोनों तरीकों से की जा सकती है और वोटर्स को यह फॉर्म बीएलओ (बूथ लेवल ऑफिसर) के पास 26 जुलाई तक किसी भी हालत में जमा करना होगा। इसके बाद ही उनका नाम वोटर लिस्ट में शामिल होगा।

हाल के आंकड़ों के अनुसार बिहार में वोटर लिस्ट के इस एसआईआर अभियान ने काफी गति पकड़ ली है। अब तक कुल 7.96 करोड़ रजिस्टर्ड वोटर्स में से करीब 94 प्रतिशत फॉर्म वितरित किए जा चुके हैं। इनमें से 1.04 करोड़ गणना फॉर्म वापस एकत्र किए गए हैं जो कि कुल 13.19 प्रतिशत है। यह आंकड़ा बताते हैं कि वोटर्स का हिस्सा अब तक अच्छी संख्या में बढ़ चुका है और प्रक्रिया तेजी से पूरी हो रही है।

इस प्रक्रिया में राजनीति दलों के बूथ लेवल एजेंट (बीएलए) भी सक्रिय रूप से मदद कर रहे हैं। करीब 1.55 लाख बीएलए रोजाना अपने-अपने क्षेत्रों में गणना फॉर्म भरवाने में मदद कर रहे हैं जिसमें से हर बीएलए 50 प्रमाणित फॉर्म हर दिन जमा करने की क्षमता रखता है। यह प्रक्रिया न केवल चुनाव आयोग के लिए चुनौतीपूर्ण है बल्कि यह राज्य की राजनीति और लोकतांत्रिक प्रक्रिया के लिए भी अहम कदम साबित हो सकता है।

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