Up Kiran, Digital Desk: आज के समय में बच्चों के बीच बढ़ता जंक फूड का चलन और घटती शारीरिक गतिविधि एक बड़ी चिंता का विषय बन गई है। एक तरफ जहां कई बच्चे कुपोषण का शिकार हैं, वहीं शहरी इलाकों में बच्चों में मोटापा एक नई महामारी की तरह फैल रहा है। इस दोहरी चुनौती से निपटने के लिए, ओडिशा सरकार ने एक बहुत ही सराहनीय और जरूरी पहल की है, जिसका नाम है 'स्वस्थ आहार अभियान' (हेल्दी डाइट कैंपेन)।
इस अभियान का सीधा और सरल मकसद है - बच्चों और किशोरों को पौष्टिक और संतुलित भोजन के फायदों के बारे में जागरूक करना, ताकि वे एक स्वस्थ जीवन जी सकें।
क्या है इस अभियान का लक्ष्य?
'सु-आहार' के नाम से भी जाने जा रहे इस कार्यक्रम का फोकस राज्य के बच्चों को दो बड़ी समस्याओं से बचाना है:
कुपोषण: यह सुनिश्चित करना कि हर बच्चे को उसकी उम्र के हिसाब से जरूरी पोषक तत्व मिलें, ताकि उसका शारीरिक और मानसिक विकास ठीक से हो सके।
मोटापा: बच्चों को चिप्स, बर्गर और मीठे पेय जैसे जंक फूड के नुकसान के बारे में बताना और उन्हें घर के बने ताजे और मौसम के हिसाब से मिलने वाले खाने के लिए प्रोत्साहित करना।
स्कूलों और आंगनवाड़ी केंद्रों पर होगा जोर
सरकार इस अभियान को सफल बनाने के लिए स्कूलों और आंगनवाड़ी केंद्रों को इसका मुख्य केंद्र बनाएगी। इन जगहों पर बच्चों को न केवल पौष्टिक भोजन के बारे में सिखाया जाएगा, बल्कि मिड-डे मील जैसी योजनाओं के जरिए उन्हें स्वस्थ भोजन उपलब्ध भी कराया जाएगा। इसके अलावा, माता-पिता को भी इस अभियान का हिस्सा बनाया जाएगा, क्योंकि बच्चों की खाने की आदतें घर से ही बनती हैं।
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