Up Kiran, Digital Desk: कोलकाता में मंगलवार की आधी रात आम नागरिक सो रहे थे लेकिन मुख्य निर्वाचन अधिकारी का दफ्तर गहमागहमी से भरा था। वजह थी बीएलओ अधिकार रक्षा समिति का धरना और उसके ठीक सामने पहुंचे करीब 50 भाजपा कार्यकर्ता। दोनों तरफ से नारे लगे। पुलिस को बीच में लाठियां लेकर खड़ा होना पड़ा ताकि बात हाथापाई तक न पहुंचे।
आम मतदाता परेशान: वोटर लिस्ट का काम अटका
जिन बीएलओ को घर-घर जाकर मतदाता सूची साफ करनी थी, वो खुद सड़क पर बैठे हैं। उनका कहना है कि SIR का इतना बोझ डाला गया है कि परिवार को समय ही नहीं मिलता। नतीजा यह कि कई इलाकों में नई वोटर लिस्ट तैयार करने का काम रुक गया है। आने वाले चुनाव में गलत या डुप्लीकेट नाम हटाने का काम भी लेट हो रहा है।
रात 11 बजे पहुंचे भाजपा कार्यकर्ता
पार्षद सजल घोष के नेतृत्व में भाजपा का दल रात को अचानक पहुंचा। उनका आरोप था कि धरने वाले असल में तृणमूल के लोग हैं जो जानबूझकर वोटर लिस्ट का काम रोक रहे हैं। दूसरी तरफ बीएलओ वालों ने कहा कि भाजपा वाले हमें डराने आए हैं ताकि हम काम बंद कर दें और फर्जी वोटर बने रहें।
पुलिस ने बनाई मानव दीवार
दोनों पक्ष मीडिया वालों के सामने एक-दूसरे पर कीचड़ उछाल रहे थे। डीसीपी इंदिरा मुखर्जी खुद मौके पर पहुंचीं और पुलिस की लाइन खड़ी कर दी। तब कहीं जाकर हंगामा थमा। मुख्य निर्वाचन अधिकारी मनोज कुमार अग्रवाल समेत कई अधिकारी धरने की वजह से दफ्तर में ही फंसे थे। रात 11:40 बजे पुलिस ने उन्हें सुरक्षित घर पहुंचाया।
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