One Nation One Election Bill Passed: पीएम मोदी के नेतृत्व वाली गठबंधन सरकार द्वारा मंगलवार को लोकसभा में 'एक चुनाव-एक देश' बिल पेश किया गया, जिस पर भारी हंगामा हुआ। कानून मंत्री अर्जुन राम मेघवाल ने बिल को पारित कराने के लिए संसद में पेश किया, इस दौरान कांग्रेस-सपा समेत विपक्षी दलों ने कड़ा विरोध जताया। हालांकि विरोध के कारण बिल पर दोबारा वोटिंग हुई, लेकिन हंगामे के बाद भी बहुमत बिल के पक्ष में रहा। अब इस बिल को पास होने के लिए राज्यसभा में भेजा जाएगा।
बिल के विरोध में कांग्रेस और सपा समेत विपक्षी दलों ने कहा कि इस बिल के लागू होने से क्षेत्रीय पार्टियां बर्बाद हो जाएंगी। कांग्रेस सांसद गौरव गोगोई ने कहा कि वे पहली बार ऐसा कानून लाए हैं कि राष्ट्रपति भी चुनाव आयोग से सलाह लेंगे। हम इसका पुरजोर विरोध करते हैं। इस बिल के जरिए राष्ट्रपति को अधिक शक्ति दी गई है कि वह अब 82ए के जरिए विधानसभा को भंग कर सकते हैं।
ये अतिरिक्त शक्ति राष्ट्रपति के साथ-साथ चुनाव आयोग को भी दी गई है। 2014 के चुनाव में 3700 करोड़ रुपये खर्च हुए, इसके लिए वे असंवैधानिक कानून लेकर आये हैं। संविधान में लिखा है कि पांच साल के कार्यकाल के साथ खिलवाड़ नहीं किया जाना चाहिए। अगर एक राष्ट्र, एक चुनाव विधेयक पूरे भारत से चुनाव छीनता है, तो हम ऐसा नहीं होने देंगे। हम इसका विरोध करते हैं। इस बिल को जेपीसी के पास भेजा जाना चाहिए।
लोकसभा में विधेयक को पारित करने के लिए 'संयुक्त संसदीय समिति' (जेपीसी) के पास भेजा गया था, जिसके दौरान इस पर मतदान हुआ था। वोटिंग के दौरान 'हां' में 269 वोट और 'नहीं' में 198 वोट पड़े। इसके बाद बिल को मंजूरी दे दी गई। अब इस बिल को पास होने के लिए राज्यसभा में भेजा जाएगा।
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