img

Up Kiran, Digital Desk: भारतीय खेलों को और बेहतर बनाने की दिशा में एक अहम कदम उठाते हुए, सरकार ने एक नया 'राष्ट्रीय खेल विधेयक' तैयार किया है। इसका मकसद देश के खेल संघों में पारदर्शिता और जवाबदेही लाना है। इस विधेयक को अंतिम रूप देने से पहले, केंद्र सरकार ने अंतरराष्ट्रीय ओलंपिक समिति (IOC), भारतीय ओलंपिक संघ (IOA) और विभिन्न राष्ट्रीय खेल संघों (NSFs) से सलाह-मशविरा करना शुरू कर दिया है।

यह इसलिए महत्वपूर्ण है क्योंकि IOC हमेशा से खेल संघों की स्वायत्तता (Autonomy) पर जोर देता रहा है, और भारत सरकार भी इस बात का सम्मान करती है। सरकार चाहती है कि यह विधेयक खेल निकायों की स्वतंत्रता को बनाए रखे, लेकिन साथ ही उनके कामकाज में बेहतर प्रशासन और पारदर्शिता भी सुनिश्चित करे।

इस नए विधेयक का मुख्य उद्देश्य खेल संघों के कामकाज में और अधिक जवाबदेही लाना, चुनाव प्रक्रिया को पारदर्शी बनाना और खिलाड़ियों के हितों की रक्षा करना है। यह सुनिश्चित करना है कि खेल संघ सिर्फ खिलाड़ियों के विकास पर ध्यान दें, न कि सिर्फ प्रशासन पर।

वर्तमान में, विधेयक का ड्राफ्ट IOC, IOA और सभी राष्ट्रीय खेल संघों को भेजा गया है। उन्हें इस पर अपनी राय और सुझाव देने के लिए तीन हफ्ते का समय दिया गया है। पहले भी ऐसे विधेयक लाने की कोशिशें हुई हैं, लेकिन खेल संघों की स्वायत्तता के मुद्दे पर गतिरोध आ जाता था। सरकार को उम्मीद है कि इस बार सभी हितधारकों के साथ मिलकर एक ऐसा कानून बनाया जा सकेगा जो भारतीय खेलों को नई ऊंचाइयों पर ले जाए।

--Advertisement--