
Up Kiran, Digital Desk: राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) द्वारा निकाली जा रही 'संकल्प यात्रा' को लेकर राजनीतिक गलियारों में गरमागरमी बढ़ गई है। लोकसभा चुनावों की घोषणा और आदर्श आचार संहिता (MCC) लागू होने से ठीक पहले आयोजित इस यात्रा को विपक्षी दलों ने एक 'चुनावी स्टंट' करार देते हुए भाजपा पर जमकर हमला बोला है।
कांग्रेस, आम आदमी पार्टी (आप) और सीपीआई-एम जैसे प्रमुख विपक्षी दलों ने इस यात्रा के समय और उद्देश्य पर गंभीर सवाल उठाए हैं। उनका आरोप है कि भाजपा चुनावों से ठीक पहले धार्मिक भावनाओं का फायदा उठाने और सरकारी मशीनरी का दुरुपयोग करने की कोशिश कर रही है। विपक्ष का कहना है कि यह यात्रा आदर्श आचार संहिता की भावना का स्पष्ट उल्लंघन है, भले ही औपचारिक रूप से अभी इसे लागू न किया गया हो।
कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने इसे भाजपा की 'हताशा' का प्रतीक बताया। उन्होंने कहा, "यह भाजपा की हताशा का प्रतीक है, जो जानती है कि दिल्ली के लोग अब उनके झांसे में नहीं आएंगे। सरकारी संसाधनों का इस्तेमाल पार्टी के राजनीतिक लाभ के लिए किया जा रहा है।" इसी तरह, दिल्ली सरकार के मंत्री और आप नेता सौरभ भारद्वाज ने भी भाजपा पर निशाना साधते हुए कहा कि यह सिर्फ चुनावों से पहले मतदाताओं को लुभाने की कोशिश है और भाजपा को जनता के मुद्दों पर ध्यान देना चाहिए।
भाजपा ने इन आरोपों को सिरे से खारिज कर दिया है। पार्टी नेताओं का कहना है कि 'संकल्प यात्रा' एक आंतरिक पार्टी कार्यक्रम है जिसका उद्देश्य जनता से जुड़ना और केंद्र सरकार की उपलब्धियों को लोगों तक पहुंचाना है। उनका दावा है कि इसका लोकसभा चुनावों से कोई सीधा संबंध नहीं है और विपक्षी दल अनावश्यक रूप से इसे राजनीतिक रंग दे रहे हैं।
गौरतलब है कि दिल्ली में लोकसभा की सात सीटें हैं, और वर्तमान में सभी पर भाजपा का कब्जा है। आगामी चुनावों में इन सीटों पर कड़ी टक्कर होने की संभावना है, जिससे हर पार्टी अपनी स्थिति मजबूत करने की कोशिश में है। फिलहाल, इस 'रथ यात्रा' पर सियासी घमासान जारी है और आने वाले दिनों में यह मुद्दा और गरमा सकता है।
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