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Up Kiran, Digital Desk: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की वाराणसी यात्रा ने आर्थिक नीतियों और राष्ट्रीय सुरक्षा को लेकर केंद्र सरकार के दृष्टिकोण को फिर से रेखांकित किया। उन्होंने जनसभा में किसानों, युवाओं और लघु उद्योगों की भूमिका को देश की प्रगति का आधार बताया और भरोसा दिलाया कि उनकी सरकार इन्हें सशक्त बनाने के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध है।
आर्थिक नीतियों में जनता को केंद्र में रखने की बात
अपने भाषण में प्रधानमंत्री ने आर्थिक मोर्चे पर देश की बढ़ती ताकत का ज़िक्र करते हुए कहा कि भारत अब वैश्विक मंच पर बड़ी अर्थव्यवस्थाओं के बीच मजबूती से खड़ा है। उन्होंने स्पष्ट किया कि सरकार की प्राथमिकताएँ अब सीधे उन वर्गों की ओर केंद्रित हैं, जो अर्थव्यवस्था के वास्तविक चालक हैं किसान, छोटे व्यवसायी और युवा।
उनका कहना था कि जब तक इन वर्गों को स्थायी समर्थन नहीं मिलेगा, तब तक आर्थिक विकास का लाभ व्यापक नहीं हो सकता। यही वजह है कि केंद्र सरकार इन क्षेत्रों में नीति और संसाधन दोनों स्तरों पर लगातार काम कर रही है।
उत्तर प्रदेश की बदलती छवि और निवेशकों का भरोसा
प्रधानमंत्री मोदी ने अपने संसदीय क्षेत्र वाराणसी में बोलते हुए उत्तर प्रदेश की आर्थिक उन्नति की भी तारीफ की। उन्होंने कहा कि आज का यूपी पहले जैसा नहीं रहा—सुरक्षा व्यवस्था में सुधार और शासन की स्थिरता ने निवेशकों का भरोसा बहाल किया है।
उन्होंने ज़ोर दिया कि योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में राज्य ने न सिर्फ अपराध पर लगाम लगाई है, बल्कि औद्योगिक वातावरण को भी पूरी तरह बदला है। पहले जहाँ कारोबारियों को राज्य में निवेश करने से हिचकिचाहट होती थी, वहीं अब कई अंतरराष्ट्रीय कंपनियाँ यहाँ अपना आधार बना रही हैं।
'ऑपरेशन सिंदूर' और राष्ट्रीय सुरक्षा का संदेश
इस जनसभा का एक भावनात्मक पहलू भी रहा जब प्रधानमंत्री ने कश्मीर में हुए 'ऑपरेशन सिंदूर' का ज़िक्र किया। उन्होंने बताया कि यह वाराणसी दौरा उस सैन्य कार्रवाई के बाद पहली बार हुआ है, जिसे भारत ने पाकिस्तान समर्थित आतंकवाद के खिलाफ अंजाम दिया।
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