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Up Kiran, Digital Desk: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अपने विरोधियों पर चुटकी लेने का कोई मौका शायद ही छोड़ते हैं। शुक्रवार को जब वे केरल के तिरुवनंतपुरम में देश के पहले डीप-वॉटर ट्रांसशिपमेंट पोर्ट, विझिंजम पोर्ट, का उद्घाटन करने पहुंचे, तो वहां भी उन्होंने सियासी माहौल को गरमा दिया। खास बात यह रही कि इस मौके पर मंच पर केरल के मुख्यमंत्री और लेफ्ट नेता पिनराई विजयन के साथ-साथ कांग्रेस के दिग्गज सांसद शशि थरूर भी मौजूद थे।

इन्हीं दोनों नेताओं की मौजूदगी का जिक्र करते हुए पीएम मोदी ने मुस्कुराते हुए कहा, "मुख्यमंत्री जी, आप तो INDI गठबंधन के एक मजबूत स्तंभ हैं। और शशि थरूर जी भी यहीं हैं। आज का ये कार्यक्रम (शायद इशारा पोर्ट के सफल उद्घाटन और मंच पर विपक्षी नेताओं की मौजूदगी की तरफ था) देखकर कई लोगों की नींद उड़ जाएगी।" पीएम के इस बयान के बाद वहां मौजूद लोगों के बीच सियासी चर्चा शुरू हो गई।

यह बात और भी दिलचस्प इसलिए हो जाती है क्योंकि ठीक एक दिन पहले, गुरुवार को, शशि थरूर ने खुद सोशल मीडिया पर पीएम मोदी के स्वागत की तस्वीरें साझा की थीं। उन्होंने लिखा था कि दिल्ली एयरपोर्ट पर थोड़ी अव्यवस्था के कारण देर होने के बावजूद वे समय पर तिरुवनंतपुरम पहुंचकर प्रधानमंत्री का स्वागत कर सके। इतना ही नहीं, हाल ही में केरल बीजेपी के अध्यक्ष राजीव चंद्रशेखर ने शशि थरूर को 'कांग्रेस के कुछ समझदार नेताओं में से एक' कहकर उनकी तारीफ भी की थी।

कांग्रेस ने दिया तुरंत जवाब

पीएम मोदी की इस चुटकी का जवाब देने में कांग्रेस ने देर नहीं लगाई। कांग्रेस महासचिव केसी वेणुगोपाल ने पलटवार करते हुए कहा, "मुझे समझ नहीं आता कि प्रधानमंत्री किस आधार पर ऐसा कह रहे हैं। असल में तो अब नींद मोदी जी की उड़ेगी, न कि INDIA गठबंधन, राहुल गांधी या कांग्रेस की। हम जातीय जनगणना के मुद्दे पर उन पर पूरा दबाव बनाने वाले हैं।"

उन्होंने आगे कहा, "जैसे उन्होंने महिला आरक्षण बिल का अधूरा ऐलान किया, वैसे ही जातीय जनगणना की बात भी अभी हवा में है। हमें कोई चिंता नहीं है, हम तो चैन से सोएंगे, लेकिन प्रधानमंत्री को अब नींद नहीं आने वाली है।"

क्यों खास है विझिंजम पोर्ट?

जिस पोर्ट के उद्घाटन पर यह सियासी बयानबाजी हुई, वह अपने आप में बेहद खास है। करीब ₹8,867 करोड़ की लागत से बना विझिंजम पोर्ट भारत का पहला डीप-वॉटर कंटेनर ट्रांसशिपमेंट पोर्ट है। इसका मतलब है कि अब बड़े-बड़े मालवाहक जहाज, जो गहरे पानी में ही चल सकते हैं, सीधे यहाँ आकर अपना माल उतार या लाद सकेंगे और छोटे जहाजों में भेज सकेंगे। पहले ऐसे जहाजों को सिंगापुर या कोलंबो जैसे विदेशी पोर्ट पर जाना पड़ता था।

इस पोर्ट को अडानी पोर्ट्स और SEZ लिमिटेड ने सरकार के साथ मिलकर पब्लिक-प्राइवेट पार्टनरशिप (PPP) मॉडल के तहत बनाया है। इसे DBFOT (डिजाइन, बिल्ड, फाइनेंस, ऑपरेट, ट्रांसफर) मॉडल पर चलाया जाएगा। जुलाई 2023 से ही यहां काम शुरू हो गया था और अब तक 250 कंटेनर शिप आ भी चुके हैं। फिलहाल इसकी क्षमता सालाना 50 लाख TEU (कंटेनर मापने की इकाई) है, जिसे जल्द ही तीन गुना करने की योजना है।

भारत की समुद्री ताकत पर जोर

पीएम मोदी ने अपने भाषण में इस बात पर भी जोर दिया कि भारत दुनिया के उन टॉप 3 देशों में है, जो सबसे ज़्यादा समुद्री कर्मचारी (सीफेयरर्स) मुहैया कराते हैं। उन्होंने कहा कि पिछले 10 सालों में भारत के बंदरगाहों की क्षमता दोगुनी हो गई है और जहाजों के आने-जाने व माल उतारने-चढ़ाने में लगने वाला समय (टर्नअराउंड टाइम) 30% कम हुआ है। उन्होंने उम्मीद जताई कि विझिंजम जैसे पोर्ट बनने से देश का पैसा बचेगा और समुद्री व्यापार में भारत और मजबूत होगा।

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