img

Vande Bharat: पीएम मोदी 31 अगस्त को तीन नई वंदे भारत ट्रेनों को हरी झंडी दिखाने वाले हैं, जो यूपी, तमिलनाडु और कर्नाटक में कनेक्टिविटी को बेहतर बनाएंगी। रेल मंत्रालय ने भारत की 'मेक इन इंडिया' और आत्मनिर्भर भारत पहलों के साथ तालमेल बिठाते हुए तेज़ ज्यादा आरामदायक यात्रा को बढ़ावा देने में इन ट्रेनों के महत्व पर प्रकाश डाला।

वंदे भारत ट्रेनों की खूबियां

'मेक इन इंडिया' पहल के तहत 15 फरवरी, 2019 को पहली बार शुरू की गई वंदे भारत एक्सप्रेस रेल यात्रा में विलासिता और गति का प्रतीक बन गई है। वर्तमान में 100 से ज्यादा वंदे भारत सेवाएं चालू हैं, जो देश भर के 280 से अधिक जिलों को जोड़ती हैं, जिससे लाखों लोगों के यात्रा अनुभव में महत्वपूर्ण बदलाव आया है।

नई रेलगाड़ियों का क्षेत्रीय प्रभाव

मेरठ सिटी-लखनऊ वंदे भारत एक्सप्रेस: ​​यह मेरठ को लखनऊ से जोड़ने वाली पहली वंदे भारत ट्रेन है। इससे धार्मिक पर्यटन को बढ़ावा मिलने और राज्य की राजधानी से तेज़ कनेक्टिविटी के साथ स्थानीय उद्योगों को बढ़ावा मिलने की उम्मीद है।

मदुरै-बेंगलुरु वंदे भारत एक्सप्रेस: ​​यह ट्रेन मंदिरों के शहर मदुरै को महानगरीय शहर बेंगलुरु से जोड़ेगी। यह तमिलनाडु और कर्नाटक के बीच व्यापार, शिक्षा और काम से संबंधित आवागमन को सुविधाजनक बनाएगी।

चेन्नई एग्मोर-नागरकोइल वंदे भारत एक्सप्रेस: ​​इस खूबसूरत क्षेत्र में पहली वंदे भारत सेवा के रूप में, यह ट्रेन तमिलनाडु के 12 जिलों को जोड़ते हुए 726 किलोमीटर की दूरी तय करेगी। इससे तीर्थयात्रियों और स्थानीय निवासियों के लिए यात्रा में उल्लेखनीय सुधार होने की उम्मीद है।

विश्व स्तरीय सुविधाएं

वंदे भारत ट्रेनें उन्नत सुरक्षा सुविधाओं से सुसज्जित हैं, जैसे कवच प्रौद्योगिकी, घूमने वाली कुर्सियाँ, दिव्यांगजन-अनुकूल शौचालय और एकीकृत ब्रेल संकेत, जो एक आधुनिक और समावेशी यात्रा अनुभव सुनिश्चित करते हैं।

पर्यटन और स्थानीय अर्थव्यवस्था को बढ़ावा देना

इन रेलगाड़ियों के शुरू होने से न केवल सम्पर्क में सुधार होगा, बल्कि धार्मिक पर्यटन और स्थानीय अर्थव्यवस्था को भी बढ़ावा मिलेगा, विशेष रूप से मेरठ और नागरकोइल जैसे क्षेत्रों में, तेज और अधिक कुशल यात्रा विकल्प उपलब्ध होने से।

--Advertisement--