
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 13-14 जुलाई को फ्रांस में रहेंगे। लेकिन इस मुलाकात को काफी ज्यादा अहम बताया जा रहा है। इस साल भारत और फ्रांस के रणनीतिक साझेदारी को पांच साल पूरे हो जाएंगे। इस अवसर पर यह उम्मीद जताई जा रही है कि भारत का फ्रांस के साथ 26 राफेल लड़ाकू विमानों का सौदा भी हो सकता है। अब यहां पर राफेल की बात हुई तो पहले यह जानते हैं कि राफेल है क्या और यह राफेल से कितना अलग है। राफेल को फ्रांस की डॉल्स एविएशन नाम की कंपनी ने बनाया है।
जानें क्या है राफेल
राफेल एम की लंबाई 15.27 मीटर है तो वहीं ऊंचाई 5.34 मीटर और वजन 10 हज़ार 600 किलोग्राम है। इसकी अधिकतम गति मैथ्यू यानी कि दो हज़ार 469.6 किलोमीटर प्रतिघंटा है। इसकी इंजन की क्षमता चार हज़ार 700 किलोग्राम है। हाई एल्टीट्यूड पर विमान की अधिकतम गति एक हज़ार 912 किलोमीटर प्रति घंटा है तो कम ऊंचाई पर इसकी रफ्तार 1390 किलोमीटर प्रति घंटा।
तीन टैंक के साथ इसकी रेंज 3700 किलोमीटर है। इंडियन एयरफोर्स को जो राफेल मिला था उससे कई गुना अच्छा और एफिशंट बताया जा रहा है। राफेल में आरबीटी रडार फिट है कि रडार हवा, पानी, समुद्र, जमीन पर टारगेट को स्कैन और ट्रैक कर सकती है। राफेल अपनी विजुअल रेंज की वजह से सुपर हॉर्नेट पर भारी पड़ता है। फाइटर जेट्स को इंटरनैशनल लेवल पर बीवीआर रेटिंग से कंपेयर किया जाता है। उसमें भी इसकी रेटिंग काफी ज्यादा अच्छी है।
भारतीय नौसेना शुरुआत से ही 26 फाइटर जेट्स खरीदना चाहती थी, जिसमें 18 सिंगल सीटर और आठ सीटर ट्रेनर शामिल थे। जिसके बाद फ्रांस के राफेल में कई बदलाव भी किए गए। राफेल ने जनवरी 2 हज़ार 22 में गोवा में आईएनएस हंसा पर मौजूद शोर बेस्ड टेस्ट फैसिलिटी में कई तरह के ट्रायल्स भी दिए थे। इसके अलावा फाइटर जेट को भारतीय जरूरतों के हिसाब से कई तरह की जांच प्रक्रियाओं से गुजरना पड़ा क्योंकि इसमें परमाणु हथियार भी लगेंगे। राफेल को अभी तक ग्रीस, इंडोनेशिया और यूएई की सेनाओं में प्रयोग किया गया है।
खास बात यह है कि नौसेना ने अमेरिकी जेट एस तीन सुपर हॉर्नेट को रिजेक्ट किया है। नौसेना की तरफ से पिछले साल दोनों जेट्स का ट्रायल किया गया था। इस ट्रायल की एक विस्तृत रिपोर्ट दिसंबर में भारत के रक्षा मंत्रालय को सौंपी गई थी। दोनों फाइटर जेट्स को गोवा स्थित नौसेना के बेस आईएनएस हंसा पर टेस्ट किया गया था।
नौसेना का मानना है कि राफेल उनकी कई जरूरतों को पूरा कर सकता है। नौसेना अपने बेड़े में पुराने पड़ चुके रूस के थ्री फाइटर जेट्स और मिग के यूबी को हटाना चाहती है। कई एयरक्राफ्ट का नाम नौसेना के दिमाग में था, लेकिन फाइनल रेस राफेल एम और एस तीन के बीच थी। फ्रेंच नेवी के पास इस समय 240 राफेल जेट्स है। इस जेट्स को दसॉल्ट ने साल 1986 में निर्मित करना शुरू किया था।
भारत को होगा ये फायदा
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी फ्रांस के दौरे पर जा रहे हैं। जिससे सबको उम्मीद है कि इस दौरे से देश का डिफेंस पावर जो है वह और मजबूत होगा। इसके साथ ही ऐसी भी उम्मीद जताई जा रही है कि इस दौरे से फ्रांस और इंडिया के बीच जो इकोनॉमिक रिलेशन है और मजबूत होंगे। इसके साथ ही फ्रांस में पढ़ रहे इंडियन स्टूडेंट्स को वहां और नए मौके मिल सकते हैं। इसके अलावा भारत में 540 से अधिक फ्रांसीसी कंपनियां और सहायक कंपनियां हैं, जो लगभग 3 लाख लोगों को रोजगार देती है। फ्रांस और भारत स्वच्छ ऊर्जा, स्मार्ट शहर, नई प्रौद्योगिकियों और स्वास्थ्य के क्षेत्र में अपने व्यापार और निवेश को और मजबूत कर सकती है।
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