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Up Kiran, Digital Desk: लाल किले के पास हुए आतंकी हमले के 48 घंटे बाद, मामले की गंभीरता को देखते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज सुरक्षा पर कैबिनेट समिति (CCS) की एक उच्च-स्तरीय बैठक की. इस अहम बैठक में गृह मंत्री अमित शाह, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (NSA) अजीत डोभाल और तीनों सेनाओं के प्रमुखों समेत तमाम आला अधिकारी मौजूद रहे. सूत्रों के मुताबिक, इस बैठक में प्रधानमंत्री को अब तक की जांच और देश की मौजूदा सुरक्षा स्थिति के बारे में पूरी जानकारी दी गई.

गुनहगारों को बख्शा नहीं जाएगा

लगभग एक घंटे तक चली इस बैठक में प्रधानमंत्री मोदी ने एक बेहद कड़ा संदेश दिया. उन्होंने साफ कहा कि इस कायराना हमले के पीछे जो भी लोग और संगठन हैं, उन्हें पाताल से भी ढूंढ निकाला जाएगा और ऐसी सजा दी जाएगी जो मिसाल बने.

सूत्रों ने बताया कि बैठक में कुछ बड़े और अहम फैसले लिए गए:

NIA को खुली छूट: मामले की जांच कर रही राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) को पूरी तरह से खुली छूट दी गई है. उन्हें जांच के लिए जो भी संसाधन चाहिए होंगे, वो तुरंत मुहैया कराए जाएंगे.

सेना अलर्ट पर: बैठक में इस बात पर भी चर्चा हुई कि आतंकी देश का माहौल बिगाड़ने की और भी कोशिशें कर सकते हैं. इसे देखते हुए सेना को स्टैंडबाय पर और दिल्ली समेत सभी प्रमुख शहरों में प्रमुख प्रतिष्ठानों पर सुरक्षा को हाई-अलर्ट पर रखने का निर्देश दिया गया है.

खुफिया तंत्र को मजबूत करने पर जोर: प्रधानमंत्री ने खुफिया एजेंसियों के बीच और बेहतर तालमेल पर जोर दिया, ताकि भविष्य में इस तरह की घटनाओं को होने से पहले ही रोका जा सके.

गृह मंत्री और रक्षा मंत्री ने दी जानकारी

बैठक में गृह मंत्री अमित शाह ने अब तक की जांच की प्रगति, फरीदाबाद मॉड्यूल के कनेक्शन और गायब 300 किलो अमोनियम नाइट्रेट को लेकर चिंता और उसे खोजने के लिए चलाए जा रहे अभियानों की जानकारी दी. वहीं, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने सीमाओं पर और देश के भीतर सेना की तैयारियों के बारे में प्रधानमंत्री को अवगत कराया.

इस हाई-प्रोफाइल बैठक से यह साफ है कि सरकार ने दिल्ली धमाके को बेहद गंभीरता से लिया है और राष्ट्रीय सुरक्षा को लेकर कोई भी कोताही बरतने के मूड में नहीं है. NIA अब पूरी ताकत के साथ इस साजिश की जड़ों तक पहुंचने में जुट गई है, और आने वाले दिनों में कुछ बड़ी गिरफ्तारियां भी हो सकती हैं.