
Up Kiran, Digital Desk: देश अपने 77वें स्वतंत्रता दिवस (77th Independence Day) के जश्न में डूबा है, और इस अवसर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Prime Minister Narendra Modi) शुक्रवार को दिल्ली के ऐतिहासिक लाल किले (Red Fort) की प्राचीर से देशवासियों को संबोधित करेंगे। यह लगातार 12वां अवसर होगा जब प्रधानमंत्री लाल किले से राष्ट्र को संबोधित करेंगे, जो उनके कार्यकाल की स्थिरता और देश के प्रति समर्पण को दर्शाता है।
ऑपरेशन सिंदूर' और पहलगाम हमले का संदर्भ: सुरक्षा पर जोर
यह स्वतंत्रता दिवस प्रधानमंत्री मोदी के लिए विशेष रूप से महत्वपूर्ण है, क्योंकि यह पहलगाम आतंकी हमले (Pahalgam attack) और उसके बाद भारत द्वारा की गई सबसे बड़ी सैन्य कार्रवाई, 'ऑपरेशन सिंदूर' (Operation Sindoor), के बाद उनका पहला स्वतंत्रता दिवस संबोधन होगा। इस वर्ष के स्वतंत्रता दिवस समारोहों के लिए रक्षा मंत्रालय (Ministry of Defence) द्वारा भेजे गए निमंत्रणों में 'ऑपरेशन सिंदूर' को मुख्य विषय (central theme) बनाया गया है। 7 मई को पहलगाम में हुए उस भयावह आतंकी हमले के जवाब में भारत ने 'ऑपरेशन सिंदूर' लॉन्च किया था, जिसमें 26 निर्दोष लोगों की जान चली गई थी। ऐसे में, यह उम्मीद की जा रही है कि प्रधानमंत्री अपने भाषण में राष्ट्रीय सुरक्षा (National Security), आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई (Fight against Terrorism) और जवानों की बहादुरी (Valour of Soldiers) पर विशेष जोर देंगे।
PM मोदी के भाषणों का सफर: वादों से लेकर आत्म-निर्भरता तक
2014 में एक मजबूत जनादेश के साथ सत्ता में आने के बाद से, प्रधानमंत्री मोदी ने अपने स्वतंत्रता दिवस भाषणों के माध्यम से देश के विभिन्न महत्वपूर्ण मुद्दों को संबोधित किया है। अपने एक दशक से अधिक के कार्यकाल के शुरुआती वर्षों में, उनके भाषणों में स्वच्छता (Sanitation), भारत की जनसांख्यिकीय लाभांश (Demographic Dividend) की क्षमता और कौशल विकास (Skill Development) जैसे मुद्दे प्रमुखता से उभरे।
वहीं, बाद के वर्षों में, उन्होंने तकनीकी विकास (Technological Developments) और आत्म-निर्भरता (Self-reliance) पर जोर दिया। इसके साथ ही, उन्होंने भारतीय जनता पार्टी (BJP) के मूल मुद्दों जैसे समान नागरिक संहिता (Uniform Civil Code) और अनुच्छेद 370 (Article 370) को हटाने जैसे महत्वपूर्ण विषयों पर भी अपनी बात रखी। इस बार, 'ऑपरेशन सिंदूर' के संदर्भ को देखते हुए, राष्ट्रीय सुरक्षा और देश की रक्षा क्षमताओं को और मजबूत करने पर भी विशेष ध्यान केंद्रित होने की संभावना है।
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