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युआन के सहारे डॉलर को ध्वस्त करने की तैयारी में रुपया! आरबीआई के धुआंधार प्लान से धड़ाम हो जाएगी युआन की ग्रोथ, अब और बढ़ जाएगी डॉलर की मुसीबत। जिस स्तर पर डॉलर को पछाड़ने की होड़ में सभी देश अपनी अपनी मुद्राओं को बढ़ावा दे रहे हैं, तब भारत भी इस दिशा में एक और बड़ा कदम उठाने वाला है।

भारत चाहता है कि रुपया को अंतरराष्ट्रीय मुद्रा बनाया जाए। इसके लिए सुझाव लिए जा रहे हैं, जिसमें आरबीआई का सुझाव चर्चाओं में है। भारतीय रिजर्व बैंक की एक समिति ने रुपये को अंतरराष्ट्रीय मुद्रा बनाने के लिए कई शॉर्ट और लॉन्ग टर्म सुझाव दिए हैं। इन सुझावों में भारतीय रुपये को अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष के स्पेशल ड्रॉइंग राइट्स यानी एसडीआर समूह में शामिल करने, सीमापार व्यापारिक लेनदेन के लिए आरटीजीएस यानी रीयल टाइम ग्रोस सेटलमेंट का अंतरराष्ट्रीय इस्तेमाल करना।

इसके अलावा रुपये में ट्रेड सेटलमेंट के लिए निर्यातकों को युक्तिसंगत प्रोत्साहन देने की सिफारिश की गई है। अब आप सोच रहे होंगे कि एसडीआर क्या है तो एसडीआर यानी स्पेशल ड्रॉइंग राइट।

मुद्रा कोष के सदस्य देशों के आधिकारिक मुद्रा भंडार के पूरक के तौर पर बनाई गई एक अंतरराष्ट्रीय आरक्षित संपत्ति है। एजीआर समूह से किसी देश को जरूरत के समय नकदी दी जाती है। एसडीआर में अमेरिकी डॉलर, यूरो, चीनी युआन, जापानी येन और ब्रिटिश पाउंड शामिल है। आरबीआई के कार्यकारी निदेशक आरएस राठौर की अध्यक्षता वाले अंतर्विभागीय समूह ने अपनी रिपोर्ट में कहा, रुपये का अंतर्राष्ट्रीयकरण एक प्रक्रिया है जिसमें अतीत में उठाए गए सभी कदमों को आगे बढ़ाने के लिए निरंतर प्रयास किए जाने की जरूरत है।

समिति ने अल्पकालिक उपाय के तौर पर भारतीय रुपए और स्थानीय मुद्राओं में बिल बनाने, सेटलमेंट और भुगतान को लेकर द्विपक्षीय और बहुपक्षीय व्यापार व्यवस्था पर प्रस्तावों की जांच करने का सुझाव दिया है। इसके अलावा भारत और भारत के बाहर दोनों जगह प्रवासियों के लिए रुपया खाता खोलने को प्रोत्साहित करने को लेकर भी रूपरेखा देने की बात कही गई है। 

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