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Up Kiran Digital Desk: बुधवार को तड़के 2 बजे पाकिस्तान द्वारा जारी किए गए एक युद्ध अलर्ट ने उपमहाद्वीप में एक बार फिर से सुरक्षा तनाव को चरम पर पहुँचा दिया। इस अलर्ट में भारतीय सैन्य हमले की संभावना को लेकर 24 से 36 घंटों के भीतर खतरे की चेतावनी दी गई जिससे पूरे पाकिस्तान में भय और अटकलों की लहर दौड़ गई।
इस्लामाबाद ने दावा किया कि उसके वायुसेना के लड़ाकू विमानों ने नियंत्रण रेखा (LoC) के पास भारतीय राफेल और सुखोई-30 MKI विमानों को "घबराहट में पीछे हटने" पर मजबूर कर दिया। हालांकि इन आरोपों के समर्थन में न कोई दृश्य फुटेज प्रस्तुत किया गया न ही किसी स्वतंत्र स्रोत द्वारा इसकी पुष्टि की गई।
सैन्य ड्रामा और मीडिया उन्माद
राज्य संचालित पीटीवी ने रिपोर्ट दी कि भारतीय विमानों की गतिविधियां टोही मिशन जैसी थीं और उन्हें पाकिस्तान की हवाई सीमा से बाहर खदेड़ दिया गया। साथ ही दो क्वाडकॉप्टर्स को मार गिराने का दावा भी किया गया। हालांकि इन घटनाओं के भी कोई स्वतंत्र प्रमाण नहीं मिले हैं। भारत की ओर से इस पर अब तक कोई औपचारिक प्रतिक्रिया नहीं आई है।
पाकिस्तान के रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ ने कहा "हम किसी भी आक्रमण का निर्णायक जवाब देंगे" वहीं सूचना मंत्री अताउल्लाह तरार ने भारत पर 'तनाव भड़काने' का आरोप लगाया और पहलगाम आतंकी हमले की निष्पक्ष जांच से भारत के इनकार को संदिग्ध इरादों से जोड़ा।
पहलगाम हमला: एक कूटनीतिक विस्फोट
22 अप्रैल को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले में 26 नागरिक मारे गए जिनमें से अधिकांश पर्यटक थे। भारत ने इस हमले के लिए पाकिस्तान समर्थित आतंकियों को जिम्मेदार ठहराया जबकि पाकिस्तान ने किसी भी संलिप्तता से इनकार किया है।
पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान जो इस समय जेल में हैं ने अपनी पार्टी के X (पूर्व ट्विटर) अकाउंट से भारत को ‘परमाणु जोखिम’ से सतर्क रहने की चेतावनी दी। वहीं पाकिस्तान की राजनीतिक विश्लेषक आयशा जलाल ने कहा “घरेलू दबाव इस खतरनाक तनाव को बढ़ा रहा है और मीडिया संयम को पीछे छोड़ रहा है।”
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