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Up Kiran, Digital Desk: जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद भारत ने पाकिस्तान के विरुद्ध कड़े कदम उठाने शुरू कर दिए हैं। एक ओर जहां भारत ने सिंधु जल संधि तोड़ दी है। वहीं दूसरी ओर व्यापारिक रिश्तों में भी गंभीर बदलाव किया गया है। भारत का ये कदम पाकिस्तान के लिए एक बड़ा झटका साबित हो रहा है क्योंकि अब उसे कई तरह की समस्याओं का सामना करना पड़ेगा जिनमें महंगाई और व्यापारिक संकट शुमार हैं।

पानी और व्यापार दोनों पर असर, पाकिस्तान के लिए मुश्किलें बढ़ी

पहलगाम आतंकी हमले के बाद भारत ने पाकिस्तान को पानी की आपूर्ति बंद करने का निर्णय लिया है। सिंधु जल संधि को तोड़ने के बाद पाकिस्तान के लिए ये एक और बड़ा संकट पैदा हो गया है क्योंकि वहां पहले ही पानी की गंभीर किल्लत है। पाकिस्तान के लिए ये एक करारा झटका है खासकर तब जब वहां की अर्थव्यवस्था पहले से ही कमजोर हो चुकी है और महंगाई अपने चरम पर है।

भारत-पाकिस्तान के बीच अटारी-वाघा सरहद से 3800 करोड़ रुपए का व्यापार होता था। ये व्यापार अब बंद हो गया है और इसका सीधा असर पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था पर पड़ने वाला है। दवाइयां केमिकल फल और सब्जियां जैसे जरूरी सामान अब पाकिस्तान नहीं पहुंच पा रहे हैं जिससे वहां की आम जनता को भी भारी संकट का सामना करना पड़ेगा।

महंगाई के आसमान छूते दाम, पाकिस्तान में लोगों की मुश्किलें बढ़ी

पाकिस्तान में महंगाई पहले से ही आसमान छू रही थी। अब भारत के फैसलों के बाद वहां की स्थिति और भी जटिल हो गई है। पाकिस्तान में इन दिनों खाद्य वस्तुओं की कीमतों में भारी वृद्धि हो रही है। चिकन अब 800 रुपए किलो बिक रहा है दूध 224 रुपए लीटर चावल 340 रुपए किलो अंडे 332 रुपए दर्जन सेब 288 रुपए किलो टमाटर 150 रुपए किलो आलू 105 रुपए किलो और प्याज 145 रुपए किलो तक पहुंच गए हैं। ये कीमतें आम आदमी की पहुंच से बाहर जा रही हैं और अब पाकिस्तान के नागरिकों को और भी मुश्किलें होने वाली हैं।

पाकिस्तान की आर्थिक स्थिति: विदेशी मुद्रा संकट और गिरते शेयर बाजार

पाकिस्तान का विदेशी मुद्रा भंडार फिलहाल 15.75 अरब डॉलर है जबकि भारत के पास 686.2 अरब डॉलर का फॉरेक्स रिजर्व है। इस अंतर को देखते हुए पाकिस्तान के लिए अपने घरेलू जरूरतों को पूरा करने के लिए आयात करने तक के पैसे जुटाना मुश्किल हो सकता है। इसके अलावा पाकिस्तान का शेयर बाजार भी इस समय भारी गिरावट का सामना कर रहा है। कराची स्टॉक एक्सचेंज में पिछले कुछ दिनों से लगातार गिरावट जारी है और इस वजह से पाकिस्तान की आर्थिक स्थिति और भी बिगड़ने की संभावना है।

सिंधु जल संधि टूटने से होने वाला असर

भारत ने सिंधु जल संधि तोड़ने का जो फैसला लिया है उसका असर सीधे पाकिस्तान की कृषि पर पड़ेगा। सिंधु नदी के पानी पर पाकिस्तान की निर्भरता काफी अधिक है और अब जब ये जल आपूर्ति बंद हो जाएगी तो वहां की फसलें प्रभावित हो सकती हैं। इससे खाद्यान्न संकट और महंगाई और बढ़ सकती है जो पहले से ही पाकिस्तान के लिए चिंता का कारण बन चुकी है।

पानी की बढ़ती कीमतें: पाकिस्तान में नई समस्या

पाक में पानी की कीमत भी अब महंगी होने वाली है। वर्तमान में पाकिस्तान में एक बोतल पानी की कीमत 105 रुपए लीटर है और सिंधु जल संधि के टूटने के बाद पानी की कीमत और भी बढ़ सकती है। ये स्थिति पाकिस्तान के लिए एक नया संकट पैदा कर सकती है क्योंकि पहले से ही वहां के लोग महंगाई और जरूरी सामान की कमी से परेशान हैं।

पाकिस्तान का आर्थिक संकट: भारत के कदमों का असर

भारत द्वारा उठाए गए कदमों से पाकिस्तान के आर्थिक हालात और भी बिगड़ सकते हैं। वहां की जनता पहले ही महंगाई से जूझ रही है और अब व्यापार बंद होने पानी की आपूर्ति रुकने और जरूरी सामान की किल्लत के कारण उनकी मुश्किलें और बढ़ने वाली हैं। भारत का ये कदम पाकिस्तान को ना सिर्फ आंतरिक संकटों से जूझने के लिए मजबूर करेगा बल्कि अंतरराष्ट्रीय मंच पर भी उसे अपनी कमजोरी का सामना करना पड़ेगा।

ये संकट पाकिस्तान के लिए एक चेतावनी है कि अगर उसे अपने घरेलू मामलों और विदेश नीति में बदलाव नहीं लाता तो उसे आगे और भी गंभीर परिणाम भुगतने पड़ सकते हैं।

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