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पाकिस्तान का आर्थिक फेलियर उसे अभी और बुरे दिन दिखाएगा, यह बात तो तय है। बढ़ते कर्ज और खाली पड़ी तिजोरी को देख भिखारी पाकिस्तान रो रहा है और फिर से बातचीत के नाम पर नकली आंसू बहा रहा है। हिंदुस्तान ने हाफिज सईद की मांग क्या की? पाकिस्तान तो भारत के पैरों में गिर गया और भीख मांगने लगा। कहने लगा कि भारत से बातचीत करने के लिए वह तैयार है पर भारत पहले बातचीत के लिए माहौल तैयार करे।

पड़ोसी ने कहा कि वह क्षेत्र के सभी देशों के साथ शांतिपूर्ण रिश्ता बनाकर रखना चाहता है जिसमें हिंदुस्तान भी शामिल है। पाकिस्तानी विदेश मंत्रालय ने कहा कि आने वाले वक्त में भारत पाकिस्तान के रिश्ते सुधरे इसके लिए भारत को पहल करने की आवश्यकता है। पाकिस्तानी विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता मुमताज जेहरा बलोच ने साप्ताहिक प्रेस ब्रीफिंग में कहा कि पाकिस्तान शांतिपूर्ण पड़ोस चाहता है। जब उनसे पूछा गया कि आने वाले सालों में हिंदुस्तान संग संबंध बहाली की कोई संभावना है तो बलोच ने कहा कि हिंदुस्तान को बातचीत के लिए माहौल बनाने की खातिर कदम उठाने की जरूरत है।

पाकिस्तानी सरकार के जवाबों पर अफसोस भी होता है और हंसी भी आती है कि भला पाकिस्तान को हिंदुस्तान की वो कौन सी मजबूरी नजर आ रही है जो फटेहाल पाकिस्तान के लिए बातचीत की टेबल लगाएगा। भारत के लिए तो उसका पड़ोसी देश पाकिस्तान इतना बेकार है कि हम उसकी पेशकश का जवाब तक देना जरूरी नहीं समझते। और अगर मंशा बातचीत की होती तो पाकिस्तानी विदेश मंत्रालय बातचीत के साथ कश्मीर राग अलापती।

पाक विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने कहा कि भारत के साथ बातचीत केवल जम्मू कश्मीर पर चर्चा के आधार पर हो सकती है। केंद्र सरकार ने हाल ही में मुस्लिम लीग जम्मू कश्मीर पर प्रतिबंध लगाया तो इस प्रतिबंध का जिक्र करते हुए भी पाकिस्तानी विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता बोली। उन्होंने इस फैसले की निंदा की। खैर, निंदा ही पाकिस्तान की कूटनीति का आधार बन कर रह गई। 
 

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