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Up Kiran, Digital Desk: अंतर्राष्ट्रीय सौंदर्य प्रतियोगिता मिस यूनिवर्स (Miss Universe) के इतिहास में एक नया अध्याय जुड़ने जा रहा है। पहली बार, फिलिस्तीन (Palestine) इस प्रतिष्ठित मंच पर अपनी एक प्रतियोगी के माध्यम से प्रतिनिधित्व करेगा। यह विकास न केवल प्रतियोगिता के लिए, बल्कि वैश्विक स्तर पर प्रतिनिधित्व के लिए भी एक मील का पत्थर साबित होगा। मिस यूनिवर्स संगठन ने पुष्टि की है कि 27 वर्षीय नादीन अय्यूब (Nadeen Ayoub) आगामी वैश्विक प्रतियोगिता में फिलिस्तीन का प्रतिनिधित्व करेंगी।

नादीन अय्यूब: सिर्फ मॉडल नहीं, बल्कि शक्ति और आशा का प्रतीक

नादीन अय्यूब, जिन्हें 2022 में मिस फिलिस्तीन का ताज पहनाया गया था, इस प्रतियोगिता और प्रतिनिधित्व के लिए एक ऐतिहासिक क्षण का प्रतिनिधित्व करती हैं। वह 21 नवंबर 2025 को बैंकॉक, थाईलैंड में होने वाले मिस यूनिवर्स पेजेंट में भाग लेंगी। अय्यूब फिलिस्तीनी लोगों की आवाज़ को दुनिया के सबसे बड़े सांस्कृतिक, फैशन और कूटनीतिक मंचों में से एक पर ले जाएंगी, जहाँ वह फिलिस्तीनी लोगों के संघर्ष, सहनशक्ति और आशा का प्रतिनिधित्व करेंगी।

"हम सिर्फ हमारे दुख से कहीं बढ़कर हैं" - नादीन अय्यूब का सशक्त संदेश

अय्यूब न केवल एक मॉडल हैं, बल्कि वह लचीलेपन (Resilience) और सशक्तिकरण (Empowerment) की एक मजबूत समर्थक भी हैं। मिस यूनिवर्स संगठन ने उनका वर्णन करते हुए कहा कि वह "लचीलेपन और दृढ़ संकल्प का प्रतीक हैं जो हमारे मंच को परिभाषित करते हैं।"

इंस्टाग्राम पर, अय्यूब ने फिलिस्तीन का प्रतिनिधित्व करने पर गहरा गर्व व्यक्त किया। उन्होंने लिखा, “आज, मैं मिस यूनिवर्स मंच पर सिर्फ एक खिताब के साथ नहीं, बल्कि एक सच्चाई के साथ कदम रख रही हूँ। जिस तरह फिलिस्तीन, विशेषकर गाजा में, दिल का दौरा झेल रहा है – मैं उन लोगों की आवाज़ को साथ लेकर चलूंगी जो खामोश रहने से इनकार करते हैं।” उन्होंने आगे कहा, “मैं हर फिलिस्तीनी महिला और बच्चे का प्रतिनिधित्व करती हूँ जिनकी ताकत दुनिया को देखने की ज़रूरत है। हम सिर्फ हमारे दुख से कहीं बढ़कर हैं — हम लचीलापन हैं, हम आशा हैं, और हम एक मातृभूमि की धड़कन हैं जो हमारे माध्यम से जीवित रहती है।”

नादीन अय्यूब का यह कदम दुनिया भर में फिलिस्तीनी लोगों के प्रति एकजुटता और समर्थन को बढ़ावा देने का एक शक्तिशाली माध्यम बनेगा। उनका मंच पर आना सिर्फ एक सौंदर्य प्रतियोगिता का हिस्सा नहीं है, बल्कि यह उन लाखों लोगों की आवाज बनेगा जिन्हें अक्सर अनसुना कर दिया जाता है।

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