
Up Kiran, Digital Desk: केंद्र सरकार ने पारिवारिक पेंशन (family pension) के नियमों में एक महत्वपूर्ण बदलाव की घोषणा की है, जिससे सरकारी कर्मचारियों (government employees) की अविवाहित (unmarried), विधवा (widowed) या तलाकशुदा (divorced) बेटियों को भी लाभ मिलेगा। कार्मिक, लोक शिकायत और पेंशन मंत्रालय (Ministry of Personnel, Public Grievances and Pensions) द्वारा जारी किए गए नए दिशानिर्देशों के अनुसार, कुछ विशेष शर्तों के तहत, ये बेटियां अपने मृत माता-पिता की पारिवारिक पेंशन की हकदार होंगी।
पारिवारिक पेंशन: नए नियम और पात्रता:
नए नियमों के तहत, यदि किसी सरकारी कर्मचारी की मृत्यु हो जाती है और उसके पति/पत्नी भी उसके बाद मर जाते हैं, तो उनकी अविवाहित बेटी, या विधवा बेटी, या 35 वर्ष की आयु से पहले तलाकशुदा बेटी पारिवारिक पेंशन प्राप्त कर सकेगी। यह पेंशन तब तक जारी रहेगी जब तक कि वह विवाहित (married) न हो जाए, या ₹15,000 प्रति माह (Rs 15,000 per month) से अधिक कमाने न लगे, या जीवित (survive) न रहे।
यह बदलाव क्यों महत्वपूर्ण है?
यह निर्णय उन बेटियों के लिए एक बड़ी राहत है जो अपने माता-पिता पर आर्थिक रूप से निर्भर थीं और जिनके पास अपने जीवन यापन के लिए कोई अन्य साधन नहीं था। यह महिलाओं के सशक्तिकरण (women empowerment) और आर्थिक समानता (economic equality) को बढ़ावा देने की दिशा में एक सकारात्मक कदम है। सरकार का उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि किसी भी बेटी को अपने माता-पिता की मृत्यु के बाद आर्थिक तंगी का सामना न करना पड़े।
अन्य पात्रता मानदंड:
इसके अतिरिक्त, यह भी सुनिश्चित किया जाएगा कि पेंशन प्राप्त करने वाली बेटी के पास आय का कोई अन्य स्रोत न हो जो पेंशन की पात्रता को प्रभावित करे। परिवार पेंशन का निर्धारण केंद्रीय सिविल सेवा (पेंशन) नियम, 1972 (Central Civil Services (Pension) Rules, 1972) के नियमों के अनुसार किया जाएगा।
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