Up Kiran, Digital Desk: हिंदू धर्म और वास्तु शास्त्र में केले का वृक्ष अत्यधिक सम्मानित और पवित्र माना गया है। इसे स्वयं भगवान विष्णु और देवगुरु बृहस्पति का निवास माना जाता है। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, जिस घर में केले का वृक्ष उचित विधि और दिशा में लगाया जाता है, वहां सुख-समृद्धि और संपत्ति की कभी कमी नहीं होती। हालांकि, क्या आप जानते हैं कि यह शुभ पौधा यदि गलत तरीके से या गलत दिशा में लगाया जाए, तो यह अमीर को भी निर्धन बना सकता है? वास्तु दोष उत्पन्न होने पर यह घर में दरिद्रता, संतान संबंधी समस्याएं और मानसिक तनाव का कारण बन सकता है।
केले के वृक्ष से संबंधित सावधानियां और नियम
गलत दिशा से होती है हानि
वास्तु के अनुसार, केले का वृक्ष कभी भी दक्षिण या पश्चिम दिशा में नहीं लगाना चाहिए। इन दिशाओं में लगाए गए केले के वृक्ष से घर की समृद्धि समाप्त हो जाती है और ऋण की स्थिति उत्पन्न होती है।
इसे हमेशा उत्तर-पूर्व या पूर्व दिशा में ही लगाना चाहिए। ईशान कोण देवताओं का स्थान है, जहां बृहस्पति देव का प्रभाव अधिक होता है।
मुख्य प्रवेश द्वार के सामने न रखें
अक्सर लोग सुंदरता के कारण केले का वृक्ष मुख्य दरवाजे के ठीक सामने लगा देते हैं। वास्तु इसे द्वार वेध मानता है। मुख्य प्रवेश द्वार के सामने लगाए गए वृक्ष से घर में आने वाली सकारात्मक ऊर्जा रुक जाती है, जिससे उन्नति के रास्ते बंद हो जाते हैं।
घर के बीच में न लगाएं
घर के आंगन के बीच में केले का वृक्ष लगाने से बचना चाहिए। यह स्थान खुला और खाली रहना चाहिए। यहां वृक्ष लगाने से परिवार में अशांति और स्वास्थ्य संबंधित समस्याएं उत्पन्न हो सकती हैं।
वास्तु दोष से गरीब हो सकते हैं लोग
यदि केले का वृक्ष सूखने लगे या उसकी पत्तियां पीली होकर सड़ने लगें, तो उसे तुरंत हटा देना चाहिए। सूखा वृक्ष घर में नकारात्मक ऊर्जा लाता है और संचित संपत्ति को नष्ट कर देता है।
केले के वृक्ष के पास कभी भी कचरा, गंदे वस्त्र या नाली नहीं होनी चाहिए। चूंकि इसमें भगवान विष्णु का वास है, इसलिए इसके आसपास की गंदगी दरिद्रता को आमंत्रित करती है।
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