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चारधाम यात्रा 2025 की उलटी गिनती शुरू हो चुकी है और इसके साथ ही प्रशासनिक व्यवस्थाओं की परीक्षा का भी वक्त आ गया है। बदरीनाथ धाम जाने वाले श्रद्धालुओं के लिए इस बार यात्रा उतनी आसान नहीं रहने वाली, क्योंकि मार्ग में नौ ऐसे खतरनाक स्थान हैं, जो न केवल यात्रियों की धैर्य की परीक्षा लेंगे बल्कि सरकार की तैयारी और व्यवस्थाओं की भी।

इन नौ स्थानों पर भू-स्खलन, नदी कटाव, मलबा गिरना, असुरक्षित बिजली टावर और अधूरी सड़क जैसी समस्याएं सामने आ रही हैं। चमोली जिला प्रशासन और बीआरओ (सीमा सड़क संगठन) समेत विभिन्न कार्यदायी एजेंसियां रात-दिन इन चुनौतियों से निपटने में जुटी हैं।

1. पागल नाला: हर बार बहा ले जाता है सड़क

बदरीनाथ मार्ग पर स्थित पागल नाला बरसात के दौरान अचानक तेज बहाव के साथ सड़क को बहा ले जाता है। इस बार प्रशासन ने इस पानी को डायवर्ट करने की योजना बनाई है। नालियों के माध्यम से बहाव को दो अलग दिशाओं में मोड़कर सड़क की सुरक्षा की जाएगी।

2. चटवापीपल: मलबा और कीचड़ में फंसते हैं वाहन

यहां पर भारी बारिश के बाद पानी और मलबा बहकर सड़क पर जमा हो जाता है, जिससे कीचड़ जैसी स्थिति बनती है। कई बार वाहन फंस जाते हैं। स्लोप प्रोटेक्शन वर्क हो चुका है, अब डामरीकरण बाकी है।

3. नंदप्रयाग: खतरे में बिजली का टॉवर

यहां यूपी पॉवर कारपोरेशन का हाईटेंशन टॉवर भूस्खलन के कारण असुरक्षित हो गया है। टॉवर को दूसरी जगह शिफ्ट करने की योजना है, जिससे बिजली आपूर्ति में कोई बाधा न आए।

4. कमेड़ा: संवेदनशील मगर तैयारी पूरी

यह स्थान भू-स्खलन के लिहाज से संवेदनशील माना जाता है। स्लोप प्रोटेक्शन वर्क पूरा कर लिया गया है, अब डामरीकरण का काम बचा है।

5. जोगीधारा: हटाया जा रहा है खतरनाक पत्थर

यहां सड़क के ऊपर एक विशाल पत्थर लटक रहा है, जिसे केमिकल विधि से तोड़कर हटाने का कार्य प्रगति पर है।

6. हाथी पहाड़: नदी कर रही सड़क का कटाव

यहां नदी की धार सड़क को नुकसान पहुंचा रही है। बीआरओ कटाव को रोकने के लिए सुरक्षात्मक कार्य कर रहा है।

7. लामबगड़: वैकल्पिक पुल का निर्माण जारी

लामबगड़ में पुराने पुल की क्षति के बाद बीआरओ ने नया वैकल्पिक ब्रिज बनाना शुरू कर दिया है। इसके साथ ही सड़कों को भी मजबूत किया जा रहा है।

8. हनुमान चट्टी: हिमखंड बन सकते हैं बाधा

यहां बर्फ के बड़े-बड़े हिमखंड मौजूद हैं। बीआरओ यहां चेतावनी बोर्ड लगाएगा ताकि यात्री सतर्क रह सकें।

9. बनेरपाणी: अधूरी सड़क बढ़ा रही चिंता

यहां नदी के कटाव से सड़क बुरी तरह क्षतिग्रस्त हुई थी। रोड कटिंग का काम हो चुका है, लेकिन अभी सतह सुधार और पक्की सड़क का काम पूरा नहीं हुआ है।