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Up Kiran, Digital Desk: उत्तराखंड के उत्तरकाशी ज़िले के हर्षिल इलाके में मंगलवार को आई प्राकृतिक आपदा ने न सिर्फ़ स्थानीय लोगों को, बल्कि पर्यटकों और निर्माण कार्यों में लगे मजदूरों को भी गहरे संकट में डाल दिया है। बादल फटने की इस घटना ने धराली गांव और खीर गंगा घाटी में भारी तबाही मचाई, जहां कई होटल, होमस्टे और निर्माणाधीन इमारतें तेज बहाव में बह गईं।

पर्यटन सीजन में आई मुसीबत

खास बात यह है कि यह घटना उस समय घटी जब पर्यटन सीजन चरम पर था। धराली और खीर गंगा के आसपास के क्षेत्र गंगोत्री धाम जाने वाले श्रद्धालुओं और ट्रेकिंग प्रेमियों के लिए प्रमुख पड़ाव माने जाते हैं। ऐसे में इन जगहों पर मौजूद टूरिस्ट, होटल स्टाफ और मजदूरों की सुरक्षा को लेकर चिंता बढ़ गई है। शुरुआती रिपोर्टों के मुताबिक, 20 से अधिक होटल और होमस्टे पूरी तरह तबाह हो गए हैं।

बचाव कार्यों में जुटीं एजेंसियाँ

घटना की भयावहता को देखते हुए एसडीआरएफ, सेना और राजस्व विभाग की टीमें मौके पर पहुंच गई हैं और राहत कार्य जारी हैं। प्रशासन को आशंका है कि 10 से 12 मजदूर मलबे में दबे हो सकते हैं। फिलहाल उनकी खोजबीन जारी है।

स्थानीय लोगों की चिंता बढ़ी

स्थानीय नागरिकों के अनुसार, बादल फटने की घटना खीर गंगा के जलग्रहण क्षेत्र के ऊपरी हिस्से में हुई, जिससे नदी का जलस्तर अचानक बहुत बढ़ गया। देखते ही देखते तेज़ बहाव और मलबा गांव में घुस गया, जिससे लोग अपनी जान बचाने के लिए भागते नज़र आए। इस घटना के बाद ग्रामीणों में भय और असुरक्षा का माहौल फैल गया है।

प्रशासन की चेतावनी

उत्तरकाशी पुलिस ने सोशल मीडिया के ज़रिए जनता से अपील की है कि कोई भी व्यक्ति, विशेषकर बच्चे और पालतू जानवर, नदी के पास न जाएं। अभी भी जलस्तर में अस्थिरता बनी हुई है और आगे भी जोखिम बना रह सकता है।

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