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Up Kiran,Digitl Desk: दिल्ली और मुंबई में रहने वालों के लिए एक बेहद चिंताजनक खबर है। जिस हवा में आप सांस ले रहे हैं, उसमें सिर्फ धूल और धुआं ही नहीं, बल्कि खतरनाक ग्रीनहाउस गैसों का ज़हर भी तेजी से घुल रहा है। यह डराने वाला खुलासा इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी (IIT) बॉम्बे की एक नई स्टडी में हुआ है।

यह स्टडी ठीक ऐसे समय में आई जब दिल्ली की हवा पहले से ही 'खराब' श्रेणी में है और दम घोंट रही ਹੈ। शहर का एयर क्वालिटी इंडेक्स (AQI) 201 पर और शुक्रवार तक इसके 'बहुत खराब' (346) होने की आशंका ਹੈ। वहीं, मुंबई की हवा भी मॉनसून के बाद जहरीली हो गई ਹੈ।

क्या पता चला ਹੈ इस स्टडी में: IIT बॉम्बे के शोधकर्ताओं ने सैटेलाइट से मिले डेटा का इस्तेमाल करके दिल्ली और मुंबई की हवा में कार्बन डाइऑक्साइड (CO2) और मीथेन (CH4) जैसी ग्रीनहाउस गैसों की मात्रा को मापा। उन्होंने पाया कि इन जहरीली गैसों का स्तर न केवल साल-दर-साल बढ़ रहा है, बल्कि यह मौसम और इलाके के हिसाब से भी बदलता है।

यह दोनों ही गैसें ग्लोबल वार्मिंग के लिए सबसे बड़ी जिम्मेदार हैं और इंसानी सेहत के लिए भी बेहद खतरनाक मानी जाती हैं।

अब क्या होगा आगे: प्रोफेसर Manoranjan Sahu, जिन्होंने इस स्टडी का नेतृत्व किया, ने बताया कि सैटेलाइट से की गई इस निगरानी का सबसे बड़ा फायदा यह है कि इससे सरकार और अधिकारियों को मदद मिलेगी। अब वे यह पता लगा सकते  कि शहर के किन इलाकों (हॉटस्पॉट्स) में सबसे ज्यादा प्रदूषण फैल रहा है।

उन्होंने कहा, "इसकी मदद से प्रदूषण के असली गुनहगारों, जैसे कूड़े के पहाड़ों (लैंडफिल) से निकलने वाली गैस, सबसे ज्यादा ट्रैफिक वाले इलाकों या फैक्ट्रियों से निकलने वाले धुएं पर लगाम कसने में मदद मिलेगी। इससे यह भी पता चलेगा कि सरकार की नीतियां जमीन पर कितना काम कर रही।"

इस स्टडी के लिए नासा (NASA) और यूरोपीय स्पेस एजेंसी (ESA) के खास सैटेलाइट से मिले डेटा का उपयोग किया गया। यह रिपोर्ट एक बड़ी चेतावनी है कि अगर हमने इन अदृश्य दुश्मनों को काबू में करने के लिए जल्द ही कड़े कदम नहीं उठाए, तो हमारे बड़े शहर रहने लायक नहीं बचेंगे।