Up Kiran, Digital Desk: दिल्ली पुलिस की आर्थिक अपराध शाखा (ईओडब्ल्यू) ने कांग्रेस पार्टी के शीर्ष नेताओं सोनिया गांधी और राहुल गांधी के खिलाफ नेशनल हेराल्ड मामले में एक नई एफआईआर दर्ज की है। शिकायत में आरोप है कि कांग्रेस से जुड़ी एसोसिएटेड जर्नल्स लिमिटेड (एजेएल) को धोखाधड़ी से हासिल करने के लिए एक आपराधिक साजिश रची गई थी।
यह एफआईआर, प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) द्वारा 3 अक्टूबर को दर्ज की गई शिकायत के आधार पर दर्ज की गई है, जिसमें छह अन्य व्यक्तियों और तीन कंपनियों को भी आरोपी बनाया गया है। ईडी ने अपनी जांच के निष्कर्ष दिल्ली पुलिस के साथ साझा किए थे, जिसके बाद पीएमएलए की धारा 66(2) के तहत पुलिस को अनुसूचित अपराध दर्ज करने का निर्देश दिया गया।
कांग्रेस नेताओं पर आरोप:
एफआईआर में इंडियन ओवरसीज कांग्रेस के प्रमुख सैम पित्रोदा सहित कांग्रेस पार्टी से जुड़े कई नामी व्यक्तियों और कंपनियों को आरोपी बनाया गया है। आरोपियों में तीन कंपनियाँ – एसोसिएटेड जर्नल्स लिमिटेड (एजेएल), यंग इंडियन, और डोटेक्स मर्चेंडाइज प्राइवेट लिमिटेड शामिल हैं।
पुलिस ने इस मामले में आईपीसी की धारा 120बी (आपराधिक षड्यंत्र), 403 (संपत्ति का बेईमानी से दुरुपयोग), 406 (आपराधिक विश्वासघात) और 420 (धोखाधड़ी) के तहत आरोप लगाए हैं। इसमें गांधी परिवार, सुमन दुबे, सैम पित्रोदा, यंग इंडियन और डोटेक्स जैसी संस्थाएं शामिल हैं।
क्या है मामला?
एफआईआर के मुताबिक, कोलकाता स्थित एक फर्जी कंपनी डोटेक्स ने कथित तौर पर एक करोड़ रुपये का निवेश किया था, जिसके माध्यम से यंग इंडियन नामक एक गैर-लाभकारी कंपनी बनाई गई थी। इसमें कांग्रेस नेताओं की 76 प्रतिशत हिस्सेदारी थी। आरोप है कि इस लेन-देन के जरिए यंग इंडियन ने कांग्रेस को केवल 50 लाख रुपये में एजेएल की करीब 2,000 करोड़ रुपये की संपत्ति का नियंत्रण हासिल कर लिया।
यह एफआईआर दिल्ली की एक अदालत द्वारा नेशनल हेराल्ड मामले में अपना फैसला 16 दिसंबर तक टालने के एक दिन बाद सामने आई है, जिससे राजनीतिक हलकों में हलचल मच गई है।
नेशनल हेराल्ड का इतिहास:
नेशनल हेराल्ड, जो 1938 में जवाहरलाल नेहरू और अन्य स्वतंत्रता सेनानियों द्वारा स्थापित किया गया था, एक प्रमुख समाचार पत्र था। इसका उद्देश्य भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के उदारवादी विचारों का प्रचार-प्रसार करना था। हालांकि, 2008 तक एजेएल पर 90 करोड़ रुपये से अधिक का कर्ज चढ़ गया था, और इसके बाद नेशनल हेराल्ड का संचालन बंद हो गया।
इसकी संपत्तियों को लेकर विवाद तब बढ़ा जब 2012 में भाजपा नेता और वकील सुब्रमण्यम स्वामी ने अदालत में शिकायत दर्ज कराई। स्वामी ने आरोप लगाया कि कुछ कांग्रेस नेताओं ने एजेएल की संपत्तियों को हासिल करने के लिए धोखाधड़ी और विश्वासघात किया था, और यह प्रक्रिया "दुर्भावनापूर्ण" थी।
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