
Up Kiran, Digital Desk: दक्षिण कोरिया की राजनीति में गुरुवार को उस वक्त हलचल मच गई जब कार्यवाहक राष्ट्रपति हान डक-सू ने अपने इस्तीफे का ऐलान कर दिया। यह घोषणा ऐसे समय में हुई है जब देश में जल्द ही राष्ट्रपति चुनाव होने वाले हैं। इस इस्तीफे के बाद अटकलें तेज हो गई हैं कि हान खुद अगले महीने होने वाले राष्ट्रपति चुनाव में मैदान में उतर सकते हैं। उनके इस कदम ने देश के सियासी माहौल को गरमा दिया है।
क्यों बने थे कार्यवाहक राष्ट्रपति?
आपको बता दें कि हान डक-सू को यह ज़िम्मेदारी तब मिली थी जब दक्षिण कोरिया के तत्कालीन राष्ट्रपति यून सुक येओल को पद से हटा दिया गया था। (मूल लेख में जेल जाने का उल्लेख है, लेकिन आम तौर पर महाभियोग या पद से हटाने की प्रक्रिया मुख्य कारण होती है)। यून के हटने के बाद हान को कार्यवाहक राष्ट्रपति के तौर पर देश चलाने की जिम्मेदारी सौंपी गई थी।
इस्तीफे के पीछे क्या है मकसद?
अब, हान ने खुद टेलीविजन पर आकर कहा है कि उन्होंने देश के लिए 'एक बड़ी जिम्मेदारी' लेने के इरादे से पद छोड़ने का फैसला किया है। उनके इस बयान को सीधे तौर पर राष्ट्रपति चुनाव में उतरने का संकेत माना जा रहा है।
चुनाव प्रचार जल्द हो सकता है शुरू
दक्षिण कोरियाई मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, हान शुक्रवार से ही अपना राष्ट्रपति चुनाव अभियान आधिकारिक तौर पर शुरू कर सकते हैं। गौरतलब है कि हान को पहले तत्कालीन राष्ट्रपति यून सुक येओल ने ही प्रधानमंत्री नियुक्त किया था। लेकिन जब यून को महाभियोग (या पद से हटाने की प्रक्रिया) के बाद हटना पड़ा, तो हान कार्यवाहक राष्ट्रपति बन गए। अब यून सुक येओल के हटने से खाली हुई राष्ट्रपति की कुर्सी के लिए उपचुनाव हो रहे हैं।
पार्टी के मजबूत दावेदार क्यों?
पिछले साल दिसंबर में यून द्वारा 'मार्शल लॉ' लागू करने की (विफल) कोशिश के बाद जो अव्यवस्था फैली थी, उसके कारण उनकी मुख्य रूढ़िवादी पार्टी 'पीपुल्स पावर पार्टी' को जनता की नाराजगी झेलनी पड़ रही है। ऐसे मुश्किल समय में, हान डक-सू को अपनी पार्टी की ओर से राष्ट्रपति पद के लिए एक मजबूत और शायद सबसे स्वीकार्य दावेदार के तौर पर देखा जा रहा है।
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