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लोकसभा इलेक्शन को देखते हुए कांग्रेस ने अपने 10 कैंडिडेट्स का राजस्थान से ऐलान कर दिया है। 10 प्रत्याशियों के नामों का ऐलान जातीय समीकरण बैठाते हुए किया गया है। पूर्वी लोकसभा इलेक्शन में कांग्रेस जिन चेहरों को मैदान में उतारा था, अब उन चेहरों में बदलाव करते हुए नए चेहरों को मैदान में उतारा गया है नामों का ऐलान हो चुका है, मगर 10 नामों में दो नाम सचिन पायलट गुट के हैं।

जहां टोंक और सवाई माधोपुर से हरीश मीणा, झुंझुनू से बृजेंद्र ओला यह दोनों ही सचिन पायलट गुट से आते हैं। इन दोनों को जो टिकट शीर्ष नेतृत्व की ओर से दिया गया है। बाकी आठ नाम ऐसे हैं जो अशोक गहलोत गुट से आते हैं। गोविंदराम मेघवाल वैभव गहलोत जो कि अशोक गहलोत के पुत्र हैं। उदयलाल आंजना, ताराचंद्र मीणा, ललित यादव। कई नाम ऐसे हैं जो अशोक गहलोत गुट से आते हैं।

तो यूं कहा जा सकता है कि पहली लिस्ट 10 नामों की आई तो अशोक गहलोत की चली। क्योंकि शीर्ष नेतृत्व भी जानता है कि राजनीति का चाणक्य अशोक गहलोत है। टिकट वितरण में भी जो मंथन की बात कही जा रही थी, प्रदेश स्तर पर भी मंथन किया गया। शीर्ष नेतृत्व की ओर से भी मंथन किया गया। मगर 10 नामों की लिस्ट के साथ ही माना यह जा रहा था कि कहीं न कहीं 4 से 5 नाम जो है सचिन पायलट गुट के हो सकते हैं।

एक दिन पहले ही बीजेपी का दामन छोड़ कांग्रेस का दामन थामने वाले राहुल कस्वां को भी चूरू से प्रत्याशी बनाया गया। पहली लिस्ट में नाम आने के बाद सबको चौंका दिया गया। हालांकि अभी भी 15 नामों की लिस्ट आनी बाकी है।

इन 15 नामों में क्या सचिन पायलट गुट के नेताओं को तवज्जो दी जाएगी या एक बार फिर अशोक गहलोत की चलेगी क्योंकि पहली लिस्ट जब दूसरे राज्यों की जो है कांग्रेस की ओर से निकाली गई थी, उसमें अनुभवी नेताओं को प्राथमिकता दी गई थी और राजस्थान के परिपेक्ष में भी यही माना जा रहा था कि राजस्थान में भी अनुभवी वाले नेताओं को तवज्जो दी जाएगी।  

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