
Pakistan security crisis: पाकिस्तान वर्तमान में अपनी सबसे गंभीर सुरक्षा चुनौतियों का सामना कर रहा है। पड़ोसी पाक को एक नहीं बल्कि चार अलग-अलग घातक संगठनों से लड़ना पड़ रहा है: तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान (टीटीपी), बलूचिस्तान लिबरेशन आर्मी (बीएलए), इस्लामिक स्टेट ऑफ खुरासान (आईएसके) और अफगान तालिबान। ये सभी संगठन अलग-अलग मकसद को लेकर काम कर रहे हैं, मगर उनकी संयुक्त गतिविधियां पाकिस्तान की सुरक्षा, अर्थव्यवस्था और स्थिरता को खोखला कर रही हैं।
पड़ोसी देश के विरुद्ध चार प्रमुख संगठन खतरनाक रूप से सक्रिय हो गए हैं। तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान (टीटीपी) ने हाल के महीनों में अपने हमले तेज कर दिए हैं। अफगानिस्तान में तालिबान के सत्ता में आने के बाद टीटीपी और अधिक ताकतकवर हो गया है। 2024 में इसके हमलों में 90 प्रतिशत की वृद्धि हुई, जिसमें 558 लोग मारे गए। वहीं, बलूचिस्तान लिबरेशन आर्मी (बीएलए) ने भी पाकिस्तानी सेना, सरकारी प्रतिष्ठानों और चीनी परियोजनाओं के विरुद्ध अपने हमले बढ़ा दिए हैं।
पाक को अपनी सुरक्षा नीति में बदलाव करने और आतंकवाद से निपटने के लिए व्यापक रणनीति अपनाने की जरूरत है। केवल सैन्य अभियान इस समस्या का समाधान नहीं कर सकते। सरकार को आतंकवाद के सामाजिक और आर्थिक कारणों को भी दूर करने के लिए ठोस कदम उठाने होंगे। वरना पाकिस्तान भयानक गृहयुद्ध की भेंट चढ़ जाएगा।
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