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तमिलनाडु में अगले साल होने वाले विधानसभा चुनावों को लेकर चेन्नई में भारतीय जनता पार्टी की एक अहम बैठक हो रही है। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह इस बैठक में प्रदेश बीजेपी के नेताओं के साथ चुनावी रणनीति और क्षेत्रीय समीकरणों पर गहन चर्चा करेंगे। वे राज्य के प्रभावशाली व्यक्तियों से भी मिलेंगे, जिनमें आरएसएस विचारक और तुगलक पत्रिका के संपादक एस गुरुमूर्ति का नाम प्रमुख है।

अमित शाह पहले ही संसद में यह संकेत दे चुके हैं कि 2026 में राज्य में एनडीए सरकार बन सकती है। बीजेपी अब राज्य में खुद को प्रभावशाली राजनीतिक ताकत के रूप में स्थापित करने में जुटी है।

तमिलनाडु में बीजेपी की स्थिति और रणनीति

2021 में अन्नामलई के नेतृत्व में बीजेपी ने राज्य में संगठनात्मक रूप से मजबूती दिखाई है, लेकिन अभी तक चुनावी सफलता नहीं मिल पाई है। 2024 के आम चुनावों में पार्टी ने अकेले चुनाव लड़ा, वोट प्रतिशत बढ़ा, लेकिन कोई सीट नहीं जीत सकी। ऐतिहासिक रूप से बीजेपी को तमिलनाडु में तभी सफलता मिली है जब उसने द्रविड़ पार्टियों के साथ गठबंधन किया है।

डीएमके के खिलाफ माहौल और गठबंधन की संभावनाएं

राज्य की सत्तारूढ़ पार्टी डीएमके इस समय भ्रष्टाचार के आरोपों का सामना कर रही है। विपक्षी पार्टियों को लगता है कि केवल मजबूत गठबंधन के जरिए ही डीएमके-कांग्रेस गठबंधन को सत्ता से हटाया जा सकता है। अमित शाह की बार-बार तमिलनाडु यात्राएं और लगातार बैठकें इसी दिशा में संकेत करती हैं।

प्रदेश नेतृत्व में बदलाव की तैयारी

बीजेपी को AIADMK के साथ फिर से गठबंधन करने के लिए पार्टी नेतृत्व में बदलाव करना पड़ सकता है। AIADMK ने अन्नामलई पर वरिष्ठ नेताओं के अपमान का आरोप लगाया था और साफ किया था कि उनके रहते गठबंधन संभव नहीं है। इसी कारण प्रदेश अध्यक्ष बदलने की प्रक्रिया शुरू हो चुकी है। आज उम्मीदवारों से नामांकन मांगा गया है और कल नए प्रदेश अध्यक्ष की घोषणा हो सकती है।

नयनार नागेन्द्रन बन सकते हैं नए अध्यक्ष

जयललिता सरकार में मंत्री रह चुके और फिलहाल बीजेपी विधायक दल के नेता नयनार नागेन्द्रन को प्रदेश अध्यक्ष बनाए जाने की संभावना है। उनके नाम पर AIADMK को भी कोई आपत्ति नहीं है, क्योंकि वह पहले उसी पार्टी के प्रभावशाली नेता रह चुके हैं। अमित शाह की कोशिश है कि गठबंधन को लेकर अंतिम सहमति भी जल्द हो जाए।

एनटीए के साथ संभावित गठबंधन की संभावना

डीएमके ने केंद्र सरकार की नीतियों, खासकर भाषा और परिसीमन के मुद्दे को लेकर विपक्षी तेवर अपनाए हैं और इसे राज्य बनाम केंद्र का मुद्दा बना रही है। इस बीच अभिनेता विजय की नई राजनीतिक पार्टी एनटीए को लेकर भी अटकलें लग रही हैं। विजय डीएमके के खिलाफ पहले से ही मुखर हैं और बीजेपी इस अवसर को भुनाने की योजना बना सकती है। अन्नामलई की जगह नए नेतृत्व के आने के बाद इस दिशा में बातचीत की शुरुआत हो सकती है।