Up kiran,Digital Desk : दिल्ली में वायु प्रदूषण लगातार खतरनाक स्तर पर पहुंचने के बीच सरकार ने इससे निपटने के लिए इलेक्ट्रिक वाहनों को लेकर बड़ा फैसला करने की तैयारी कर ली है। मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने बताया कि दिल्ली सरकार ने नई इलेक्ट्रिक वाहन (ईवी) नीति का प्रारूप तैयार कर लिया है, जिसे वर्ष 2026 से लागू करने का लक्ष्य रखा गया है। सरकार का मानना है कि यह नीति प्रदूषण कम करने के साथ-साथ राजधानी के परिवहन तंत्र को अधिक आधुनिक और टिकाऊ बनाएगी।
वाहन प्रदूषण को कम करना सरकार की प्राथमिकता
मुख्यमंत्री ने कहा कि दिल्ली की हवा में PM2.5 और PM10 जैसे खतरनाक प्रदूषकों का बड़ा कारण वाहनों से निकलने वाला धुआं है। जब तक पेट्रोल और डीजल वाहनों की संख्या में कमी नहीं आएगी, तब तक हवा की गुणवत्ता में सुधार मुश्किल है। इसी वजह से इलेक्ट्रिक वाहनों को बढ़ावा देना सरकार की प्रमुख रणनीति है।
तीन अहम आधारों पर बनेगी ईवी नीति
नई ईवी नीति को तीन मुख्य स्तंभों पर तैयार किया गया है।
पहला, इलेक्ट्रिक वाहनों को आम लोगों के लिए सस्ता बनाने के लिए आर्थिक प्रोत्साहन दिए जाएंगे, जिससे ईवी और पारंपरिक वाहनों की कीमतों का अंतर कम हो सके।
दूसरा, दिल्ली में चार्जिंग इंफ्रास्ट्रक्चर का तेजी से विस्तार किया जाएगा।
तीसरा, ज्यादा प्रदूषण फैलाने वाले पुराने वाहनों को चरणबद्ध तरीके से सड़कों से हटाया जाएगा।
मुख्यमंत्री ने बताया कि दिल्ली में पहले से ही इलेक्ट्रिक वाहनों पर रोड टैक्स और रजिस्ट्रेशन फीस माफ है और नई नीति में इन सुविधाओं को और मजबूत किया जाएगा।
स्क्रैपेज नीति से मिलेगा अतिरिक्त लाभ
नई नीति में वाहन स्क्रैपेज को भी खास महत्व दिया गया है। यदि कोई व्यक्ति अपनी पुरानी पेट्रोल या डीजल गाड़ी स्क्रैप कराकर उसकी जगह इलेक्ट्रिक वाहन खरीदता है, तो उसे अतिरिक्त वित्तीय प्रोत्साहन दिया जाएगा। इसका उद्देश्य ज्यादा प्रदूषण फैलाने वाले पुराने वाहनों को जल्द हटाना है।
घरों के पास तक पहुंचेगी चार्जिंग सुविधा
चार्जिंग इंफ्रास्ट्रक्चर को लेकर सरकार की योजना है कि चार्जिंग स्टेशन सिर्फ मॉल या दफ्तरों तक सीमित न रहें, बल्कि रिहायशी इलाकों के आसपास भी उपलब्ध हों। इसके साथ ही बैटरी स्वैपिंग और इस्तेमाल हो चुकी बैटरियों के सुरक्षित और वैज्ञानिक निपटान को भी नीति में शामिल किया जाएगा।
सभी पक्षों से लिया जाएगा सुझाव
सरकार इस नीति को प्रभावी बनाने के लिए बिजली वितरण कंपनियों, वाहन निर्माताओं और स्क्रैप डीलरों से बातचीत कर रही है। नीति का ड्राफ्ट सार्वजनिक किया जाएगा, ताकि आम लोग भी अपने सुझाव दे सकें।
मंत्रियों और विशेषज्ञों की निगरानी
नई ईवी नीति की दिशा और निगरानी के लिए बिजली व शिक्षा मंत्री आशीष सूद की अध्यक्षता में मंत्रियों का एक समूह बनाया गया है। इस समिति को आईआईटी दिल्ली और अन्य विशेषज्ञों का सहयोग मिल रहा है, जो तकनीकी पहलुओं पर मार्गदर्शन देंगे।
सरकार का कहना है कि यह नीति दिल्ली को स्वच्छ, हरित और भविष्य के लिए तैयार शहर बनाने की दिशा में एक अहम कदम होगी।
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