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भारतीय रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (DRDO) ने अपनी Project Vishnu योजना के अंतर्गत विकसित “ET‑LDHCM” (Extended-Range, Long-Duration Hypersonic Cruise Missile) की टेस्टिंग के अंतिम चरण की तैयारियाँ तेज़ कर दी हैं। इस हाइपरसोनिक मिसाइल की मारक दूरी लगभग 1,500 किलोमीटर है और इसे विशेष रूप से चीन और पाकिस्तान सीमा पर तैनात वायु रक्षा प्रणालियों को भ्रमित करने व पार करने के उद्देश्य से तैयार किया गया है।

आविष्कार और तकनीकी विशेषताएं


ET‑LDHCM मिसाइल हाइपरसोनिक क्रूज़ प्रणाली आधारित है, जो ध्वनि की गति से पांच गुना अधिक गति (Mach 5+) पर उड़ान भर सकती है। इसकी अनूठी डिजाइन इसे तेज गतिशील बदलाव करने में सक्षम बनाती है, जिससे यह रडार सिस्टम और मिसाइल डिफेंस शील्ड को चकमा दे सकती है।

रणनीतिक महत्व


वर्षों से लगातार सैन्य तनाव का सामना कर रहा चीन और पाकिस्तान के साथ सीमित संघर्ष की स्थिति में, ऐसी मिसाइल तकनीक भारत की स्ट्रैटेजिक रेंज, ऑपरेशनल एगिलिटी और एक्चुअल एयर डिफेंस सिस्टम्स पर दबाव बनाए रखने की क्षमता को बल देती है। विशेषज्ञों का मानना है कि ये हथियार वायु रक्षा नेटवर्क के बीच फटाफट प्रवेश कर के प्राथमिक और द्वितीयक लक्ष्यों को अंजाम देने की क्षमता रखते हैं।

टेस्टिंग की रणनीति


DRDO की टीम जल्द ही इस महत्वाकांक्षी सिस्टम की पहली उड़ान टेस्टिंग करेगी, जिसमें मिसाइल की रेंज, गति, मार्ग और प्रभावशीलता की जाँच की जाएगी। इसके बाद, कई बार परिशुद्धता और थर्मल मैनेजमेंट का परीक्षण होगा ताकि वास्तविक ऑपरेशनल परिदृश्यों में इसका सर्वोत्तम प्रदर्शन सुनिश्चित किया जा सके।

भारतीय सामरिक सशक्तिकरण के उद्देश्य


भारत अपनी रणनीतिक गति को मजबूत बनाते हुए, परमाणु-व्यापी मिसाइल क्षमताओं के साथ-साथ कॉनवेंशनल और अग्रेसिव डिफेंस सिस्टम पर भी कार्य कर रहा है। ET‑LDHCM इस दिशा में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर सिद्ध हो सकता है, जो अगले दशक में भारत की रक्षा तैयारी को नई ऊँचाइयों पर ले जाने में सहायक होगा।
 

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