Up Kiran, Digital Desk: बालोतरा में अब बेख़ौफ़ होकर ट्रैफिक नियमों को तोड़ना महंगा पड़ने वाला है। शहर और आसपास के इलाकों में सड़क दुर्घटनाओं का ग्राफ बढ़ता देख परिवहन विभाग ने कड़े कदम उठाए हैं। जिला परिवहन अधिकारी भगवान गहलोत के निर्देश पर इन दिनों एक ख़ास जांच अभियान चलाया जा रहा है। इसका मकसद सिर्फ नियमों का उल्लंघन करने वालों पर जुर्माना लगाना नहीं है बल्कि आम लोगों में ट्रैफिक सुरक्षा की समझ बढ़ाना भी है।
स्कूल वैन बनीं निशाना
इस अभियान में सबसे ज़्यादा ध्यान स्कूल वैनों और ऑटो रिक्शा पर दिया गया। परिवहन निरीक्षक पुष्पेंद्र शर्मा की अगुवाई में टीम ने बालोतरा के शहरी और देहाती दोनों क्षेत्रों में अचानक निरीक्षण किया। ज़रा सोचिए कई स्कूल वैन ऐसी थीं जो बच्चों को मवेशियों की तरह ठूंस-ठूंसकर ले जा रही थीं। बच्चों की जान से यह खिलवाड़ देखकर विभाग की टीम हैरान रह गई।
नतीजा क्या हुआ? दस से अधिक ऑटो रिक्शा तुरंत ज़ब्त कर लिए गए और ग्यारह के करीब बाल वाहिनियों के चालान काटे गए। इन वाहनों में निर्धारित सीटिंग क्षमता से दोगुने से भी ज़्यादा बच्चे भरे हुए थे। यह कार्रवाई बताती है कि बच्चों की सुरक्षा के मामले में अब कोई ढिलाई बर्दाश्त नहीं होगी।
केवल शहर नहीं दूरदराज भी जांच
परिवहन विभाग की टीम ने केवल शहर तक ही खुद को सीमित नहीं रखा। परेऊ पाटोदी और उनके आस-पास के रास्तों पर भी सघन चेकिंग की गई। इस दौरान लगभग चालीस गाड़ियों की तलाशी ली गई जिसमें से करीब अठारह गाड़ियों को अलग-अलग नियमों के उल्लंघन का दोषी पाया गया। इन सभी के चालान बनाए गए। टीम ने ओवरलोडिंग के अलावा वाहन फिटनेस प्रदूषण प्रमाण पत्र ड्राइविंग लाइसेंस और सुरक्षा उपकरणों जैसे सीट बेल्ट व हेलमेट के इस्तेमाल की भी बारीकी से जांच की।
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