
Up Kiran, Digital Desk: विशाखापत्तनम के पास स्थित प्रसिद्ध सिम्हाचलम मंदिर में इन दिनों एक खास तैयारी चल रही है। यह तैयारी है वार्षिक 'गिरि प्रदक्षिणा' की, जिसका भक्तों को हर साल बेसब्री से इंतजार रहता है। यह एक बहुत ही पवित्र और धार्मिक आयोजन है जहाँ हज़ारों की संख्या में श्रद्धालु नंगे पैर सिम्हाचलम पहाड़ी के चारों ओर परिक्रमा करते हैं।
यह परिक्रमा आसान नहीं होती; यह लगभग 32 किलोमीटर लंबी होती है और इसमें काफी समय और शारीरिक मेहनत लगती है। लेकिन भक्तों की आस्था इतनी गहरी होती है कि वे भगवान वराह लक्ष्मी नरसिम्हा स्वामी का आशीर्वाद पाने के लिए यह कठिन यात्रा खुशी-खुशी पूरी करते हैं। माना जाता है कि इस परिक्रमा से भक्तों की मनोकामनाएं पूरी होती हैं और उन्हें पुण्य मिलता है।
इस साल की गिरि प्रदक्षिणा आषाढ़ पूर्णिमा यानी 21 जुलाई को होनी है। इस बड़े आयोजन के लिए मंदिर प्रशासन और संबंधित विभाग अभी से जुट गए हैं। इतनी बड़ी संख्या में आने वाले श्रद्धालुओं के लिए रास्ते में पीने के पानी, स्वास्थ्य सुविधाओं, सुरक्षा और अन्य ज़रूरी इंतज़ाम करने पड़ते हैं। ताकि यह यात्रा सभी के लिए सुरक्षित और सुविधाजनक बन सके।
यह सिर्फ एक पैदल चलना नहीं है, बल्कि यह एक आध्यात्मिक सफर है जो हज़ारों भक्तों को एक साथ जोड़ता है। सिम्हाचलम का पूरा इलाका इस दौरान भक्तिमय ऊर्जा से भर जाता है। मंदिर प्रशासन अपनी तरफ से पूरी कोशिश कर रहा है ताकि यह वार्षिक गिरि प्रदक्षिणा बिना किसी परेशानी के सफलतापूर्वक संपन्न हो। भक्तजन भी पूरी श्रद्धा और उत्साह के साथ इस पवित्र परिक्रमा में भाग लेने के लिए तैयार हैं।
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