img

Up Kiran, Digital Desk: केरल में अगले दो दिनों तक सार्वजनिक परिवहन व्यवस्था पटरी से उतरने वाली है। निजी बस मालिकों ने अपनी विभिन्न मांगों को लेकर 10 और 11 जुलाई को राज्यव्यापी हड़ताल (statewide strike) का आह्वान किया है। इस हड़ताल से आम जनता को भारी परेशानी का सामना करना पड़ेगा, खासकर उन लोगों को जो अपनी दैनिक यात्रा के लिए निजी बसों पर निर्भर हैं।

क्या हैं बस मालिकों की मुख्य मांगें?
बस मालिकों का तर्क है कि बढ़ती परिचालन लागत, विशेषकर डीजल की कीमतों में लगातार वृद्धि, उनके व्यवसाय को अलाभकारी बना रही है। उनकी मुख्य मांगें इस प्रकार हैं:

हड़ताल का क्या होगा असर?
इस दो दिवसीय हड़ताल से दफ्तर जाने वाले लोग, छात्र और दैनिक यात्री सबसे ज्यादा प्रभावित होंगे। चूंकि केरल में निजी बसों का नेटवर्क बहुत व्यापक है, ऐसे में हजारों लोगों को अपने गंतव्य तक पहुंचने में भारी मुश्किलों का सामना करना पड़ेगा। खासकर स्कूलों और कॉलेजों के छात्रों को चुनौतियों का सामना करना पड़ सकता है, क्योंकि कई छात्र अपनी यात्रा के लिए निजी बसों पर ही निर्भर रहते हैं।

सरकार और मालिकों के बीच गतिरोध
केरल सरकार और बस मालिकों के संघ के बीच इस मुद्दे पर कई दौर की बातचीत हुई है, लेकिन अभी तक कोई समाधान नहीं निकल पाया है। बस मालिक अपनी मांगों पर अड़े हुए हैं और सरकार से जल्द से जल्द ठोस कदम उठाने की मांग कर रहे हैं।

वैकल्पिक व्यवस्थाएं: इस दौरान केरल राज्य सड़क परिवहन निगम (KSRTC) की बसें हमेशा की तरह चलेंगी। इसके अलावा, टैक्सी और ऑटो-रिक्शा भी उपलब्ध रहेंगे, लेकिन वे सभी यात्रियों की जरूरत पूरी नहीं कर पाएंगे और हो सकता है कि वे अधिक किराया वसूलें, जिससे आम लोगों पर अतिरिक्त बोझ पड़ेगा।

--Advertisement--