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दिल्ली ट्रैफिक पुलिस लंबे समय से कमर्शियल वाहनों को नियम उल्लंघन के लिए जिम्मेदार मानती रही है, लेकिन सीएसआईआर (केंद्रीय सड़क अनुसंधान संस्थान) की नई रिपोर्ट ने इस धारणा को चुनौती दे दी है। रिपोर्ट के अनुसार, राजधानी में प्राइवेट वाहन चालकों द्वारा ट्रैफिक नियमों के उल्लंघन के मामले कमर्शियल वाहनों से कहीं अधिक हैं।

प्राइवेट गाड़ियों पर 1.7 करोड़ से ज्यादा पेंडिंग चालान

रिपोर्ट में बताया गया है कि दिल्ली में 9.3 लाख से अधिक प्राइवेट वाहनों पर कम से कम 3 चालान पेंडिंग हैं। वहीं, कुल पेंडिंग चालानों की संख्या 1.7 करोड़ के पार है। इसके मुकाबले कमर्शियल वाहनों के खिलाफ 16 लाख चालान पेंडिंग हैं।

दिल्ली में तीन ऐसे वाहन भी चिन्हित किए गए हैं जिन पर क्रमश: 601, 509 और 464 चालान लंबित हैं।

सबसे ज्यादा चालान ओवरस्पीडिंग के

51.6 लाख चालान ओवरस्पीडिंग के लिए लंबित हैं, जो सबसे बड़ी श्रेणी है।

21.5 लाख चालान गलत पार्किंग के लिए पेंडिंग हैं।

21 लाख चालान बिना हेलमेट टू-व्हीलर चलाने के मामले में हैं।

12.9 लाख चालान प्रदूषण प्रमाण पत्र (PUC) नहीं होने की वजह से जारी किए गए हैं।

सीएसआईआर की स्टडी में यह भी सामने आया कि जिन लोगों ने हेलमेट पहना भी, उनमें से सिर्फ 63 प्रतिशत ने हेलमेट को सही तरीके से इस्तेमाल किया।

अब ट्रैफिक नियमों के उल्लंघन पर होगी सख्ती

1 अप्रैल से ट्रैफिक नियमों को लेकर कड़े प्रावधान लागू किए गए हैं। जिन वाहन मालिकों ने चालान का भुगतान लंबे समय से नहीं किया, उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। इसमें ड्राइविंग लाइसेंस का जब्त होना और 3 महीने तक सस्पेंशन शामिल है।

विशेषज्ञ की राय

सीएसआईआर-सीआरआरआई के ट्रैफिक इंजीनियरिंग और सेफ्टी डिवीजन के प्रमुख डॉ. एस. वेलमुरुगन ने कहा कि ट्रैफिक नियमों के उल्लंघन में लगातार बढ़ोतरी देखी जा रही है, खासकर ओवरस्पीडिंग और प्रदूषण प्रमाण पत्र से जुड़े मामलों में।