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Up Kiran, Digital Desk:झारखंड में गरीब परिवारों को राहत देने के लिए शुरू की गई चना दाल वितरण योजना अब सुस्त पड़ती जा रही है। यह योजना पिछले साल दिसंबर में शुरू हुई थी, जब राज्य के नागरिकों को चना दाल का वितरण हुआ था, लेकिन उसके बाद मई महीने में ही फिर से दाल की आपूर्ति हो सकी। इस प्रकार, इस योजना के तहत महज दो महीने ही चना दाल मिल पाया है, जिससे योजना के उद्देश्य पर सवाल उठने लगे हैं।
मुख्य उद्देश्य था, झारखंड के लोगों के दैनिक भोजन में प्रोटीन की कमी को दूर करना और उन्हें सस्ता चना दाल उपलब्ध कराना। इसी उद्देश्य के तहत 'झारखंड दाल वितरण योजना' की शुरुआत की गई थी। योजना का लाभ केवल झारखंड के स्थायी निवासी और नागरिकों को ही दिया जाना था, और इसके लिए राज्य सरकार ने जन वितरण प्रणाली (PDS) का सहारा लिया।
योजना में स्पष्ट तौर पर यह बताया गया था कि केवल उन लोगों को लाभ मिलेगा जिनके पास राशन कार्ड होगा और जो राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम (NFSA) और राज्य खाद्य सुरक्षा सूची में शामिल होंगे।
मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की अगुवाई में शुरू की गई इस योजना का मुख्य उद्देश्य था, प्रत्येक परिवार को प्रति माह एक किलो चना दाल देना, जो कि महज एक रुपये प्रति किलो की दर पर वितरित किया जाता है। हालांकि, इस योजना को लागू करने में दाल की आपूर्ति में कमियां और देरी सामने आई हैं।
वर्तमान में, झारखंड में करीब 65 लाख लोग इस योजना का लाभ उठा रहे हैं, लेकिन चना दाल की आपूर्ति में लगातार खामियां देखी जा रही हैं।
मई में 84 प्रतिशत तक ही पहुंची दाल
मई माह में जब चना दाल की आपूर्ति की गई, तो राज्य भर के दुकानदारों को दाल की आपूर्ति की गई थी, लेकिन चना दाल केवल 84 प्रतिशत लोगों तक ही पहुंच सका। ऐसा नहीं है कि सरकार ने इस योजना के लिए फंड या आपूर्ति में कोई कमी रखी है, बल्कि असली समस्या यह रही कि केंद्र से चना दाल की आपूर्ति समय पर नहीं हो पाई।
दुकानदारों की नाराजगी और हड़ताल का खतरा
झारखंड राज्य जन वितरण प्रणाली दुकानदार संघ के प्रदेश अध्यक्ष, सुधीर कुमार साहू ने इस मुद्दे पर चिंता जताते हुए कहा कि लगभग 18 महीने से दुकानदारों को कोई कमीशन नहीं मिला है। इसके कारण दुकानदारों में आक्रोश बढ़ रहा है। साहू ने बताया कि पूर्वी सिंहभूम जिले के पीडीएस दुकानदारों ने हड़ताल पर जाने का निर्णय लिया है, और पूरे राज्य में किसी भी समय इस फैसले को लागू किया जा सकता है।
दुकानदारों के इस कदम से योजना की आपूर्ति पर और भी असर पड़ने की संभावना है, जिससे झारखंड के गरीब परिवारों को चना दाल की नियमित आपूर्ति में और कठिनाई हो सकती है।
आगे की राह
योजना के प्रभावी कार्यान्वयन के लिए समय पर आपूर्ति और सही वितरण व्यवस्था की जरूरत है। राज्य सरकार को इस मुद्दे का समाधान निकालने के लिए गंभीर प्रयास करने होंगे ताकि गरीबों तक यह योजना सही तरीके से पहुंच सके और इसका उद्देश्य पूरा हो सके।
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