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पुरी की ऐतिहासिक रथ यात्रा के दौरान हुई भगदड़ की घटना ने सभी को चौंका दिया है। इस हादसे के बाद स्थानीय प्रशासन पर कई तरह के सवाल उठने लगे हैं। हर साल लाखों श्रद्धालु रथ यात्रा में शामिल होते हैं, लेकिन इस बार की अव्यवस्था ने लोगों की जान को खतरे में डाल दिया।

भगदड़ की घटना में कई लोग घायल हुए हैं, जिनमें महिलाएं और बुजुर्ग भी शामिल हैं। कुछ लोगों ने आरोप लगाया कि पुलिस और प्रशासन की ओर से सुरक्षा के पर्याप्त इंतजाम नहीं किए गए थे। रथ खींचने के दौरान भीड़ को नियंत्रित करने के लिए जरूरी पुलिस बल मौजूद नहीं था, जिससे हालात बिगड़ते चले गए।

स्थानीय लोगों और श्रद्धालुओं का कहना है कि प्रशासन को पहले से पता था कि भीड़ काफी अधिक होगी, फिर भी व्यवस्थाएं कमजोर थीं। न तो आपातकालीन चिकित्सा सुविधा सही ढंग से काम कर रही थी और न ही लोगों को सही दिशा में गाइड किया जा रहा था।

सोशल मीडिया पर भी इस घटना को लेकर लोग प्रशासन की आलोचना कर रहे हैं। वीडियो और फोटो वायरल हो रहे हैं, जिसमें साफ देखा जा सकता है कि किस तरह लोगों को धक्का-मुक्की का सामना करना पड़ा।

अब सवाल यह है कि क्या हर साल होने वाले इस बड़े आयोजन की तैयारी प्रशासन ने गंभीरता से की थी या नहीं। विशेषज्ञों का मानना है कि भीड़ नियंत्रण और सुरक्षा को लेकर एक ठोस प्लान बनाना जरूरी है, ताकि भविष्य में ऐसी घटनाएं न हों।

सरकार और स्थानीय प्रशासन ने जांच का आश्वासन दिया है, लेकिन जनता चाहती है कि जिम्मेदार अधिकारियों पर सख्त कार्रवाई हो।
 

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