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Up Kiran , Digital Desk: मुजफ्फरपुर जिले के देवरिया थाना क्षेत्र के बंगरा गांव के किसनौटा टोला में पुलिस की कथित कार्रवाई ने एक बार फिर पुलिसिया कार्यशैली और मानवाधिकारों को लेकर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। एक ओर जहां पुलिस का दावा है कि वह शराब तस्करी और पुलिस पर हमले के आरोपियों की गिरफ्तारी के लिए गई थी वहीं ग्रामीणों और सामाजिक कार्यकर्ताओं का इल्जाम है कि पुलिस ने बिना महिला पुलिसकर्मियों की मौजूदगी के महिलाओं को दौड़ा-दौड़ाकर पीटा यहां तक कि उनके कपड़े तक फाड़ दिए गए।
घटना के बाद पूरे इलाके में आक्रोश है। स्थानीय राजनीतिक दल, समाजसेवी संगठन और आम लोग पुलिस पर अत्याचार और सत्ता के दुरुपयोग के आरोप लगा रहे हैं।
छापेमारी या बर्बरता
घटना रविवार की रात की है जब देवरिया थाना पुलिस ने किसनौटा टोला में अचानक दबिश दी। पुलिस का दावा था कि उन्हें गांव में अवैध शराब की खेप और पुलिस पर हमले के आरोपियों के छिपे होने की सूचना थी। लेकिन ग्रामीणों के मुताबिक यह कोई नियमित छापेमारी नहीं थी बल्कि महिलाओं को निशाना बनाने वाली हिंसक कार्रवाई थी।
गांव की महिलाओं ने आरोप लगाया कि पुलिस टीम में कोई महिला पुलिसकर्मी नहीं थी और छापेमारी के दौरान महिलाओं को पीठ जांघ कंधे और शरीर के अन्य हिस्सों पर डंडों से बेरहमी से पीटा गया। कई महिलाओं के कपड़े फट गए और वे घबराकर खेतों और आसपास के जंगलों में भाग गईं।
पीड़ित महिलाएं अस्पताल में भर्ती
हमले में घायल कई महिलाओं को श्रीकृष्ण मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल (SKMCH) में भर्ती कराया गया है। अस्पताल सूत्रों के अनुसार कुछ महिलाओं को गंभीर आंतरिक चोटें आई हैं। ग्रामीण पुलिस अधीक्षक (SP) ने अस्पताल पहुंचकर पीड़ित महिलाओं से मुलाकात की और उनके बयान दर्ज किए।
एसपी ने मीडिया को बताया कि मामले की जांच गंभीरता से की जा रही है। अगर किसी पुलिसकर्मी ने मर्यादा का उल्लंघन किया है तो उस पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
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