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भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने एक बार फिर रेपो रेट में कटौती कर बाजार को राहत दी है। फरवरी के बाद अप्रैल में भी रेपो रेट में 25 आधार अंकों की कटौती की गई है। दो महीनों में कुल 50 बेसिस प्वाइंट की यह राहत खासतौर पर होम लोन लेने वालों और रियल एस्टेट सेक्टर के लिए बड़ी खबर है। मौजूदा कटौती के बाद रेपो रेट अब 6 प्रतिशत पर आ गई है।

होम लोन होगा सस्ता, ईएमआई घटेगी

रेपो रेट में कटौती से सीधे तौर पर बैंकिंग ब्याज दरें प्रभावित होती हैं। यानी अब होम लोन की ब्याज दरों में गिरावट आ सकती है, जिससे लोगों की मासिक किस्त (EMI) में राहत मिलेगी। साथ ही, यह कदम उन लोगों को भी प्रोत्साहित करेगा जो घर खरीदने का विचार कर रहे थे लेकिन ऊंची ब्याज दरों के कारण निर्णय नहीं ले पा रहे थे।

रियल एस्टेट सेक्टर ने फैसले का स्वागत किया

रियल एस्टेट इंडस्ट्री से जुड़े विशेषज्ञों ने RBI के इस फैसले को सकारात्मक बताया है। नारेडको के राष्ट्रीय अध्यक्ष जी. हरि बाबू ने कहा कि रेपो रेट में कटौती से सभी श्रेणियों के लिए आवास की मांग में बढ़ोतरी हो सकती है। मनासुम सीनियर लिविंग के सह-संस्थापक अनंतराम वरयूर ने इसे रियल एस्टेट और समग्र आर्थिक विकास के लिए एक सकारात्मक संकेत बताया।

कमर्शियल रियल एस्टेट को भी मिलेगा फायदा

अंतरिक्ष इंडिया के चेयरमैन राकेश यादव के अनुसार, लगातार दूसरी बार रेपो रेट में कटौती से कमर्शियल और रेजिडेंशियल दोनों सेगमेंट को फायदा होगा। यह प्रॉपर्टी बाजार में सेंटीमेंट को मजबूत करेगा और लोन की लागत कम होने से खरीदारों की रुचि बढ़ेगी।

मिड और अफोर्डेबल हाउसिंग को मिलेगा बढ़ावा

गंगा रियल्टी के विकास गर्ग और त्रेहान ग्रुप के सारांश त्रेहान ने कहा कि यह फैसला खासतौर पर अफोर्डेबल और मिड-सेगमेंट हाउसिंग के लिए फायदेमंद साबित होगा, खासकर टियर 2 और टियर 3 शहरों में। इन इलाकों में सस्ती और मिड-साइज प्रॉपर्टीज की मांग तेजी से बढ़ रही है।

ब्याज दरों में कटौती से डेवलपर्स को भी फायदा

अशर ग्रुप के धर्मेंद्र रायचुरा का मानना है कि यह कदम मुद्रास्फीति पर नियंत्रण के साथ आर्थिक विकास को संतुलित करने की दिशा में एक रणनीतिक फैसला है। इससे न केवल खरीदारों को, बल्कि डेवलपर्स को भी लोन लेना सस्ता होगा।

RBI की नीतिगत सोच में बदलाव

काउंटी ग्रुप के अमित मोदी ने इस पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि सिर्फ रेपो रेट में कटौती ही नहीं, बल्कि नीति का रुख ‘न्यूट्रल’ से ‘सपोर्टिव’ करना एक बड़ा कदम है। इससे महंगाई को लेकर चिंताएं कम होंगी, और उपभोक्ता खर्च में इजाफा होगा।

एसकेए ग्रुप के संजय शर्मा और सीआरसी ग्रुप के सलिल कुमार ने कहा कि यह कदम सरकार की आर्थिक गतिविधियों को गति देने की मंशा को दर्शाता है और संभव है कि जून में होने वाली अगली बैठक में एक और कटौती देखने को मिले।