अदानी ग्रुप के शेयरों में निरंतर गिरावट से सरकारी बैंकों और एलआईसी के शेयरों में निरंतर गिरावट आ रही है। हिंडनबर्ग की रिपोर्ट के बाद अडानी के शेयरों में करीब 50 % की गिरावट आई। SBI, बैंक ऑफ बड़ौदा, पीएनबी जैसे सरकारी बैंकों के शेयरों में भी काफी गिरावट आई है। लिहाजा RBI ने भी इस पर फोकस किया है। बैंक नियामक RBI ने अडानी मामले में सभी बैंकों से रिपोर्ट मांगी है।
अडानी समूह की कंपनियों को कितना कर्ज दिया और इसकी मौजूदा स्थिति क्या है? RBI ने सभी बैंकों से पूछा है। रिजर्व बैंक ने अडानी समूह की कंपनियों को दिए गए कर्ज की जानकारी मांगी है।
अदानी ग्रुप ने अदाणी इंटरप्राइजेज का एफपीओ रद्द कर दिया है। अडाणी इंटरप्राइजेज के इस एफपीओ की प्राइस 20,000 करोड़ रुपये थी। इसकी वजह बताते हुए गौतम अडानी ने कहा कि बोर्ड ने ईमानदारी से महसूस किया कि बाजार में उतार-चढ़ाव को देखते हुए एफपीओ लाना नैतिक नहीं होगा। कंपनी का मकसद शेयर बाजार के उतार-चढ़ाव को देखते हुए अपने निवेशकों के हितों की रक्षा करना है। इसलिए, हम एफपीओ से प्राप्त राशि वापस कर देंगे और इससे संबंधित लेनदेन को समाप्त कर देंगे।
बीस हजार करोड़ रुपए के एफपीओ को 27 जनवरी को सब्सक्रिप्शन के लिए खोला गया था और पूरी तरह से सब्सक्राइब होने के बाद 31 जनवरी तक बंद कर दिया गया था। यह देश का अब तक का सबसे बड़ा एफपीओ था।
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