
Up Kiran, Digital Desk: वृंदावन, जिसे भगवान कृष्ण की लीलाओं की भूमि कहा जाता है, रहस्यों और अद्भुत मान्यताओं से भरा है। इसी क्रम में, एक ऐसा मंदिर भी है जहां भक्त राधा रानी के दर्शन उनके प्रिय बलदाऊ (श्री कृष्ण के बड़े भाई बलराम) के रूप में करते हैं। यह अनोखी मान्यता श्रीजी मंदिर (ठाकुर श्री राधा बिहारी जी मंदिर) से जुड़ी है, जो वृंदावन के प्रसिद्ध मंदिरों में से एक है।
मंदिर से जुड़ी किंवदंतियों के अनुसार, जब भगवान कृष्ण मथुरा चले गए थे, तब राधा रानी बहुत व्याकुल रहती थीं। उनके विरह को देखकर, बलदाऊ जी ने उन्हें सांत्वना दी और कहा कि जब तक वे वापस नहीं आ जाते, तब तक वह स्वयं यहां रहेंगे। इस पर राधा रानी ने उनसे वरदान मांगा कि जब भी वह उन्हें याद करें, तो वह बलदाऊ के रूप में ही उनके सामने प्रकट हों।
माना जाता है कि इसी वरदान के प्रभाव से, वृंदावन के इस विशेष मंदिर में राधा रानी के विग्रह के पास ही बलदाऊ जी का विग्रह स्थापित है, और भक्तगण यह मानते हैं कि जब वह बलदाऊ जी के दर्शन करते हैं, तो वे वास्तव में राधा रानी के ही दर्शन कर रहे होते हैं, जो अपने प्रियतम की याद में बलदाऊ का रूप धारण कर भक्तों को सांत्वना देती हैं।
यह आस्था इस बात का प्रतीक है कि प्रेम की शक्ति कितनी अद्भुत और अलौकिक हो सकती है, जहां भक्त अपने आराध्य को हर रूप में महसूस करते हैं। इस मंदिर में दर्शन करने से भक्तों को राधा रानी की कृपा और बलदाऊ जी का आशीर्वाद प्राप्त होता है।
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