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Up Kiran, Digital Desk: सोमवार को जस्टिस सूर्यकांत ने भारत के नए मुख्य न्यायाधीश के तौर पर शपथ ली। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने राष्ट्रपति भवन में उन्हें पद और गोपनीयता की शपथ दिलाई। समारोह में कई बड़े नेता और गणमान्य व्यक्ति मौजूद थे लेकिन लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी कहीं दिखाई नहीं दिए। उनकी यह गैर-मौजूदगी अब राजनीतिक बहस का नया केंद्र बन गई है।

भाजपा ने उठाया तीखा सवाल 

भारतीय जनता पार्टी ने इसे महज अनुपस्थिति नहीं बल्कि संवैधानिक संस्थाओं के प्रति उदासीनता का प्रमाण बताया है। पार्टी के राष्ट्रीय प्रवक्ता सीआर केशवन ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर लिखा कि राहुल गांधी का मुख्य न्यायाधीश के शपथ समारोह में न आना कोई नई बात नहीं है। पहले भी वे उपराष्ट्रपति के शपथ ग्रहण और स्वतंत्रता दिवस जैसे राष्ट्रीय आयोजनों से दूर रहे हैं।

संविधान के प्रति सम्मान पर उठे सवाल

केशवन ने आगे कहा कि बार-बार इस तरह की दूरी बनाना सिर्फ व्यक्तिगत व्यवहार नहीं बल्कि देश की संवैधानिक व्यवस्था और परंपराओं में विश्वास की कमी को दर्शाता है। उन्होंने याद दिलाया कि डॉ. बाबासाहेब आंबेडकर के बनाए संविधान को सम्मान देना हर नागरिक का कर्तव्य है और विपक्ष के नेता होने के नाते यह जिम्मेदारी और भी बड़ी हो जाती है।

कांग्रेस का पुराना इतिहास भी याद दिलाया 

प्रवक्ता ने कांग्रेस पर पुराना आरोप फिर दोहराया कि आपातकाल के दौरान पार्टी ने संविधान को निलंबित करके लोकतंत्र की हत्या की थी। उनका कहना था कि आज भी जनता इन हरकतों को भूली नहीं है और ऐसे कदमों को देखकर लोग खुद निष्कर्ष निकाल रहे हैं।