Up kiran,Digital Desk : रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने एक महत्वपूर्ण बयान देते हुए कहा है कि भविष्य में सिंध, जो आज पाकिस्तान का हिस्सा है, भारत का अंग बन सकता है। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि इतिहास गवाह है कि सीमाएं हमेशा स्थिर नहीं रहतीं और समय के साथ बदलती रही हैं।
सिंधु घाटी सभ्यता से जुड़ाव पर जोर
सिंधी समाज के एक सम्मेलन को संबोधित करते हुए रक्षा मंत्री ने कहा, "सिंध, जिसे सिंधी समाज की मातृभूमि माना जाता है, हमेशा से भारतीय सभ्यता के मूल केंद्र, सिंधु घाटी सभ्यता का एक अभिन्न हिस्सा रहा है। आज भले ही सिंध भौगोलिक रूप से भारत की सीमाओं में न हो, लेकिन सांस्कृतिक और सभ्यतागत दृष्टि से यह हमेशा भारत का ही अंग रहा है।" उन्होंने सिंधी समुदाय के देश के प्रति योगदान की भी सराहना की।
CAA और अल्पसंख्यकों का संरक्षण
राजनाथ सिंह ने नागरिकता संशोधन अधिनियम (CAA) का भी जिक्र किया और कहा कि यह कानून पड़ोसी देशों में धार्मिक और भाषाई प्रताड़ना का शिकार हुए अल्पसंख्यकों को भारत में नागरिकता और सुरक्षा प्रदान करता है। उन्होंने विश्वास दिलाया कि भारत सरकार हमेशा अपने प्रताड़ित अल्पसंख्यकों के अधिकारों की रक्षा के लिए प्रतिबद्ध है।
रक्षा मंत्री के इस बयान को भू-राजनीतिक और सांस्कृतिक दृष्टिकोण से काफी अहम माना जा रहा है, और यह सिंधी समुदाय के बीच एक नई उम्मीद जगा सकता है।
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