Up Kiran, Digital Desk: हरियाणा के एक आईपीएस अधिकारी की संदिग्ध आत्महत्या ने न केवल परिवार और अधिकारियों के बीच हलचल मचा दी है बल्कि आम जनता के मन में भी पुलिस व्यवस्था को लेकर गहरा सवाल खड़ा कर दिया है। आईपीएस वाई पूरन कुमार के आत्महत्या के मामले ने पुलिस विभाग की अंदरूनी गड़बड़ियों को उजागर किया है, जिससे लोगों की सुरक्षा और न्याय प्रणाली की साख पर सवाल उठने लगे हैं।
डीजीपी को छुट्टी पर भेजने से उठे कई सवाल
पूरे मामले की जांच के बीच राज्य के पुलिस महानिदेशक शत्रुजीत कपूर को प्रशासन ने छुट्टी पर भेज दिया है। यह कदम अधिकारी के परिवार और विपक्ष की बढ़ती मांगों के बाद उठाया गया है, जिन्होंने आरोप लगाया था कि कुछ वरिष्ठ पुलिस अधिकारी कुमार को मानसिक और पेशेवर तौर पर परेशान कर रहे थे। इससे पहले रोहतक के एसपी नरेंद्र बिजारनिया का भी तबादला किया गया था।
सुसाइड नोट से सामने आए गंभीर आरोप
पूरे विवाद का केंद्र एक आठ पन्नों का सुसाइड नोट है, जिसे कुमार ने अपनी मौत से पहले लिखा था। इस नोट में उन्होंने पुलिस विभाग के कुछ वरिष्ठ अधिकारियों पर जातिगत भेदभाव, मानसिक प्रताड़ना और सार्वजनिक अपमान का आरोप लगाया था। यह बातें न केवल हरियाणा पुलिस की छवि को प्रभावित कर रही हैं बल्कि पूरे देश के पुलिस तंत्र की जिम्मेदारी पर भी गंभीर सवाल उठा रही हैं।
आईपीएस अधिकारी के लैपटॉप में छुपा है मामला
चंडीगढ़ पुलिस ने मामले की तह तक जाने के लिए कुमार के लैपटॉप को अपने कब्जे में लेने की मांग की है। पुलिस का मानना है कि इस लैपटॉप में वह जानकारी होगी जो आत्महत्या के कारणों को समझने में मदद करेगी। खास बात यह है कि कुमार ने यही लैपटॉप इस्तेमाल कर सुसाइड नोट लिखा और उसे ईमेल भी किया था। लैपटॉप में सुसाइड नोट के ड्राफ्ट समेत कई अहम डेटा पुलिस की जांच के लिए जरूरी हैं।
राहुल गांधी का संवेदनशील दौरा
देश की विपक्षी नेता राहुल गांधी ने मृतक अधिकारी के परिवार से मिलकर उनकी पीड़ा साझा करने का फैसला किया है। वे आज चंडीगढ़ जाकर कुमार के घर पहुंचेंगे। उनके इस कदम को विपक्ष द्वारा पुलिस व्यवस्था में सुधार की जरूरत को रेखांकित करने के तौर पर भी देखा जा रहा है।
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