
कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने आरएसएस के महासचिव दत्तात्रेय होसबाले के हाल ही में दिए गए बयान पर कड़ा पलटवार किया है। राहुल गांधी ने कहा कि बीजेपी और आरएसएस को संविधान चुभता है, ये लोग देश को संविधान से नहीं, बल्कि मनुस्मृति से चलाना चाहते हैं।
राहुल गांधी का यह बयान ऐसे समय पर आया है जब देश में समान नागरिक संहिता (Uniform Civil Code) को लेकर बहस तेज है। उन्होंने कहा कि आरएसएस और बीजेपी की असली मंशा दलितों, आदिवासियों और महिलाओं के अधिकार छीनने की है। संविधान ने सबको बराबरी का हक दिया है, लेकिन यह विचार आरएसएस को पसंद नहीं है।
राहुल ने सोशल मीडिया पर पोस्ट करते हुए लिखा, “संविधान ने महिलाओं, पिछड़ों, आदिवासियों और गरीबों को अधिकार दिए हैं। आरएसएस और बीजेपी को यही बात पसंद नहीं आती। ये लोग संविधान नहीं, मनुस्मृति चाहते हैं जिसमें समानता नहीं बल्कि भेदभाव है।”
दत्तात्रेय होसबाले के बयान में उन्होंने कहा था कि “देश को एक कानून चाहिए जो सबके लिए बराबर हो।” इस पर प्रतिक्रिया देते हुए राहुल ने कहा कि यह एक छलावा है। एक समान कानून की बात करके वे संविधान में दिए गए विशेष अधिकारों को खत्म करना चाहते हैं।
कांग्रेस पार्टी ने भी प्रेस कांफ्रेंस कर बीजेपी और आरएसएस की नीयत पर सवाल उठाए। उन्होंने कहा कि संविधान देश की आत्मा है और उसकी रक्षा करना हर नागरिक का कर्तव्य है।
राहुल गांधी के इस बयान से राजनीतिक हलचल तेज हो गई है और अब यह मुद्दा चुनावी बहस का बड़ा हिस्सा बनता जा रहा है।
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