Up Kiran, Digital Desk: USA राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने अमेरिकी नौसेना के लिए एक नया विशाल युद्धपोत बनाने की योजना की घोषणा की है, जिसे उन्होंने “बैटलशिप” नाम दिया है। यह जानकारी उन्होंने फ्लोरिडा स्थित अपने मार-ए-लागो रिसॉर्ट में साझा की। ट्रंप ने इसे अमेरिका के प्रस्तावित “गोल्डन फ्लीट” का महत्वपूर्ण हिस्सा बताया। उनका कहना है कि यह नया युद्धपोत पहले बनाए गए किसी भी बैटलशिप से "100 गुना ज्यादा शक्तिशाली", सबसे तेज़ और सबसे बड़ा होगा। उनके मुताबिक, यह जहाज द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान इस्तेमाल किए गए आयोवा-क्लास बैटलशिप से भी बड़ा और भारी होगा, जिनका वजन लगभग 60,000 टन था।
ट्रंप ने कहा कि इस नए युद्धपोत में हाइपरसोनिक मिसाइलें, रेलगन और उच्च क्षमता वाले लेज़र हथियार शामिल किए जाएंगे। हालांकि, अमेरिकी नौसेना अभी इन तकनीकों को पूरी तरह विकसित करने की प्रक्रिया में है। यह घोषणा ऐसे वक्त पर आई है जब अमेरिकी नौसेना ने हाल ही में लागत में वृद्धि और देरी के कारण एक नए छोटे युद्धपोत की योजना को रद्द किया था। इसके अलावा, फोर्ड-क्लास एयरक्राफ्ट कैरियर और कोलंबिया-क्लास पनडुब्बियों जैसी प्रमुख परियोजनाएं भी समय और बजट से पीछे चल रही हैं। इतिहास में ‘बैटलशिप’ शब्द का इस्तेमाल भारी कवच और विशाल तोपों से लैस युद्धपोतों के लिए होता था, जिनका उपयोग समुद्री और तटीय हमलों में किया जाता था।
द्वितीय विश्व युद्ध के बाद विमानवाहक पोतों और लंबी दूरी की मिसाइलों के चलते बैटलशिप का महत्व घट गया। ट्रंप पहले भी नौसेना के डिज़ाइन और तकनीकी पहलुओं पर अपनी राय ज़ाहिर कर चुके हैं। अपने पहले कार्यकाल में उन्होंने आधुनिक इलेक्ट्रोमैग्नेटिक कैटापल्ट की जगह भाप से चलने वाली पुरानी प्रणाली को अपनाने का समर्थन किया था। उन्होंने नौसेना के जहाजों पर जंग और उनके "अप्रिय" डिज़ाइन की भी आलोचना की थी। ट्रंप ने कहा कि इस नए युद्धपोत के डिज़ाइन में उनकी सीधी भूमिका होगी। उन्होंने कहा, “अमेरिकी नौसेना इन जहाजों के डिज़ाइन की अगुवाई करेगी, लेकिन मैं भी साथ रहूंगा, क्योंकि मैं एक बहुत ही एस्थेटिक इंसान हूं।”
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