Up Kiran, Digital Desk: भारतीय रेलवे ने यात्रियों को एक और सरप्राइज दे दिया है। जुलाई में आरक्षण चार्ट के समय में जो बड़ा फेरबदल किया था उसमें अभी कुछ ही महीनों बाद फिर बदलाव कर दिया गया है। अब ज्यादातर ट्रेनों का पहला आरक्षण चार्ट ट्रेन खुलने से ठीक आठ घंटे पहले अपने आप तैयार हो जाएगा। यह नियम तुरंत प्रभाव से पूरे देश में लागू हो चुका है।
आखिर हुआ क्या नया?
रेलवे बोर्ड ने साफ कर दिया है कि अब पहला चार्ट ट्रेन के प्रस्थान से आठ घंटे पहले ऑटोमेटिक तरीके से जारी होगा। अगर किसी कारण स्टेशन स्टाफ मैनुअल चार्ट तय समय तक नहीं बना पाया तो सिस्टम खुद ही आठ घंटे पहले चार्ट फाइनल कर देगा।
दूसरा चार्ट पहले की तरह ट्रेन रवाना होने के कुछ देर पहले ही बनेगा ताकि पहले चार्ट के बाद जो सीटें खाली रह जाएं उन्हें वेटिंग वाले यात्रियों को मिल सकें। अच्छी बात यह है कि दूसरे चार्ट के समय में कोई बदलाव नहीं किया गया है। पुराना वाला नियम ही चलता रहेगा।
कुछ ट्रेनों का चार्ट तो एक दिन पहले रात 9 बजे ही बन जाएगा
रेलवे ने कुछ खास ट्रेनों को छूट दी है। जिन ट्रेनों का डिपार्चर टाइम दोपहर 2 बजे से रात 12 बजे के बीच है उनके लिए पहला चार्ट अब भी प्रस्थान से एक दिन पहले रात 9 बजे तैयार होगा। बाकी ज्यादातर ट्रेनों पर आठ घंटे वाला नियम लागू रहेगा।
जुलाई में क्या हुआ था?
पिछले बदलाव की याद दिला दें। जुलाई 2025 में रेलवे ने नया सिस्टम शुरू किया था। उसमें सुबह 5 बजे से दोपहर 2 बजे तक चलने वाली ट्रेनों का चार्ट एक दिन पहले रात 9 बजे और बाकी ट्रेनों का चार्ट आठ घंटे पहले बनने का नियम था। अब उसमें फिर सुधार कर दिया गया है ताकि यात्री को ज्यादा से ज्यादा मौका मिले और आखिरी समय में कन्फर्म टिकट की संभावना बढ़े।
यात्रियों को क्या फायदा?
- आखिरी आठ घंटे में भी कन्फर्म सीट मिलने की उम्मीद बढ़ गई
- पहले चार्ट के बाद भी खाली सीटों पर दूसरे चार्ट में मौका रहेगा
- ऑटोमेटिक सिस्टम से स्टेशन पर देरी की शिकायत कम होगी
- वेटिंग लिस्ट वाले यात्री अब ज्यादा देर तक उम्मीद रख सकते हैं
पूर्व मध्य रेलवे के धनबाद मंडल समेत देश के सभी मंडलों में यह नया नियम लागू हो चुका है। अगली बार जब आप ट्रेन पकड़ने जाएं तो थोड़ा पहले IRCTC ऐप खोल लीजिएगा। हो सकता है आपकी वेटिंग टिकट अचानक कन्फर्म हो जाए।
रेलवे ने साफ कहा है कि यह बदलाव यात्रियों की सुविधा और ज्यादा से ज्यादा सीटें भरने के मकसद से किया गया है। देखना यह है कि त्योहारी सीजन में यह नया प्रयोग कितना कारगर साबित होता है।

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