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उत्तर भारत में मॉनसून की मार तेज़ हो गई है। शुक्रवार तड़के दिल्ली और आसपास के इलाकों में हुई मूसलाधार बारिश ने जहां राजधानी को भीगी सुबह दी, वहीं देश के कई हिस्सों से बाढ़ और तबाही की चिंताजनक तस्वीरें सामने आई हैं। भारतीय मौसम विभाग (IMD) ने दिल्ली समेत उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, राजस्थान, उत्तराखंड, हिमाचल प्रदेश और बिहार के लिए भारी बारिश का अलर्ट जारी किया है।

दिल्ली में बारिश, लेकिन कम राहत

राजधानी दिल्ली में शुक्रवार सुबह तेज़ बारिश हुई। मौसम विभाग ने दिनभर बादल छाए रहने, गरज और बिजली के साथ हल्की बारिश की संभावना जताई है। हालांकि अधिकतम तापमान 34°C और न्यूनतम 24°C के बीच रहने का अनुमान है।
मौसम वैज्ञानिकों का कहना है कि अगस्त के पहले सप्ताह में भारी बारिश की संभावना कम है, लेकिन हल्की बौछारें जारी रह सकती हैं।

मध्य प्रदेश: चंबल और सिंध ने मचाई तबाही

ग्वालियर-चंबल अंचल में हालात बेहद गंभीर हो चुके हैं। कोटा बैराज और नोनार बांध से छोड़े गए पानी के कारण चंबल नदी खतरे के निशान से 4 मीटर ऊपर बह रही है। श्योपुर, शिवपुरी, दतिया और गुना जिलों में बाढ़ जैसी स्थिति बन गई है।
2021 जैसी तबाही की आशंका के बीच एसडीआरएफ और सेना की टीमें बचाव कार्य में जुटी हैं। सेना के हेलीकॉप्टर प्रभावित गांवों में राहत सामग्री पहुँचा रहे हैं।

राजस्थान: धौलपुर में चंबल 12 मीटर ऊपर, सेना मैदान में

राजस्थान में कोटा, करौली, टोंक, सवाई माधोपुर और धौलपुर में हालात बिगड़ते जा रहे हैं। चंबल और पार्वती नदियाँ खतरे के निशान से ऊपर बह रही हैं। धौलपुर में चंबल 12 मीटर ऊपर है, जिससे दर्जनों गाँव जलमग्न हो गए हैं।
सेना, NDRF और SDRF की टीमें राहत कार्य में सक्रिय हैं और अब तक सैकड़ों लोगों को सुरक्षित निकाला जा चुका है।

हिमाचल: मनाली में ब्यास नदी का कहर

हिमाचल प्रदेश के मनाली में ब्यास नदी का जलस्तर बढ़ने से बहांग क्षेत्र में घर और दुकानें पानी में डूब गई हैं। मनाली-लेह राजमार्ग के क्षतिग्रस्त होने का खतरा मंडरा रहा है। आईएमडी ने कांगड़ा, मंडी, शिमला, सिरमौर और कुल्लू जिलों में भारी बारिश की चेतावनी दी है।

उत्तराखंड: केदारनाथ यात्रा लगातार दूसरे दिन स्थगित

भूस्खलन और भारी बारिश ने चारधाम यात्रा को भी प्रभावित किया है। केदारनाथ यात्रा को लगातार दूसरे दिन रोका गया है
एनडीआरएफ और एसडीआरएफ की टीमें अब तक 1,100 तीर्थयात्रियों को सुरक्षित निकाल चुकी हैं, जबकि 5,000 से अधिक तीर्थयात्रियों को सोनप्रयाग में रोका गया है।
मुनकटिया के पास केदारनाथ हाईवे का 70 मीटर हिस्सा पूरी तरह बह गया है। देहरादून, टिहरी, चंपावत और पिथौरागढ़ जिलों में येलो अलर्ट जारी किया गया है।

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