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Up Kiran, Digital Desk: उत्तराखंड में इन दिनों मौसम ने कुछ ऐसा रुख अपनाया है, मानो प्रकृति खुद अपने क्रोध को व्यक्त कर रही हो। पहाड़ी राज्य, जो आमतौर पर अपनी शांति और सुंदरता के लिए जाना जाता है, इस समय मूसलाधार बारिश और आपदाओं के साये में है। लगातार हो रही बारिश ने जनजीवन को अस्त-व्यस्त कर दिया है और प्रशासन के सामने बड़ी चुनौती खड़ी कर दी है।
भारी बारिश से पहाड़ों पर आफत
राज्य के विभिन्न जिलों में पिछले कुछ दिनों से हो रही झमाझम बारिश ने हालात गंभीर बना दिए हैं। भारत मौसम विज्ञान विभाग (IMD) ने बताया है कि मानसून इस समय उत्तराखंड में अपने प्रचंड रूप में सक्रिय है। देहरादून, नैनीताल, रुद्रप्रयाग और बागेश्वर जैसे क्षेत्रों में अत्यधिक वर्षा की चेतावनी दी गई है। इन जिलों में आज ऑरेंज अलर्ट जारी किया गया है, जो संकेत करता है कि यहां 64.5 मिमी से लेकर 204.4 मिमी तक वर्षा हो सकती है।
कुमाऊं के पहाड़ी इलाकों विशेष रूप से पिथौरागढ़ और चंपावत में भीषण वर्षा के आसार हैं, जबकि टिहरी और उत्तरकाशी में तेज़ हवाओं के साथ गरज और बिजली की संभावना जताई गई है। इन हवाओं की रफ्तार 40 से 50 किलोमीटर प्रति घंटे तक पहुंच सकती है। वहीं, मैदानी क्षेत्रों में भले ही वर्षा हल्की रहने की संभावना हो, लेकिन उमस के कारण लोगों को काफी परेशानी झेलनी पड़ सकती है।
नदियों का रौद्र रूप और गांवों में दहशत
भारी बारिश का असर नदियों पर साफ नजर आ रहा है। अलकनंदा, यमुना और गंगा जैसी प्रमुख नदियां अपने खतरे के निशान को पार कर चुकी हैं, जिससे आसपास के इलाकों में बाढ़ जैसी स्थिति बन गई है। स्यानाचट्टी में कुपड़ागाड़ नदी के उफान से बनी झील का जलस्तर धीरे-धीरे कम हो रहा है, लेकिन स्थानीय लोगों की चिंता अभी भी बनी हुई है। कुमाऊं क्षेत्र के कई छोटे नदी-नाले भी इस समय विकराल रूप ले चुके हैं, जिससे अनेक गांवों का बाहरी दुनिया से संपर्क कट गया है।
चमोली जिले के मुख गांव में बादल फटने की खबर ने प्रशासन को सतर्क कर दिया है। राहत और बचाव दलों को अलर्ट पर रखा गया है ताकि किसी भी आपात स्थिति से तुरंत निपटा जा सके।
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