rajasthan news: मानवाधिकार के क्षेत्र में कार्यरत आईजी किशन सहाय मीणा ने सोमवार को बांदीकुई के राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय, रेहडिया में बैग वितरण समारोह के दौरान एक बार फिर से धर्म, ईश्वर और धार्मिक विश्वासों को लेकर विवादित बयान दिया। उनके इस बयान ने सामाजिक मीडिया और विभिन्न समुदायों में हलचल मचा दी है।
मीणा ने स्पष्ट शब्दों में कहा कि ईश्वर, अल्लाह, गॉड, वाहेगुरु कुछ नहीं होते। इनमें कोई दम नहीं है। उनका ये बयान धार्मिक विश्वासों की आलोचना करते हुए आया, जिसमें उन्होंने अपने व्यक्तिगत अनुभवों का हवाला देते हुए कहा कि जब वे कॉलेज पहुंचे, तो उन्होंने महसूस किया कि धार्मिक कथाएं काल्पनिक हैं।
आईजी मीणा ने आगे कहा कि धार्मिक विश्वास अंधविश्वास की जड़ हैं और समाज को एक वैज्ञानिक दृष्टिकोण अपनाने की आवश्यकता है। उन्होंने यह भी बताया कि अत्यधिक धार्मिक परिवारों में समस्याएं अधिक होती हैं और बच्चों को जाति के भेदभाव से बचाने के लिए सरनेम न लिखने की सलाह दी। उनका मानना है कि जाति आधारित पहचान समाज में असमानता को बढ़ावा देती है।
कार्यक्रम के दौरान मीणा ने भूत-प्रेत, टोने-टोटके और भोपा-भोपी प्रथाओं की भी आलोचना की। उन्होंने इसे चतुर लोगों द्वारा फैलाया गया अंधविश्वास बताया और कहा कि ऐसे विश्वास समाज में भूत-प्रेत और अनर्गल मान्यताओं को जन्म देते हैं।