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राजस्थान की डिप्टी सीएम शोभा रानी कुमावत ने हाल ही में हल्दीघाटी युद्ध को लेकर एक बयान दिया, जिसमें उन्होंने इसे केवल सत्ता संघर्ष बताया और इसे धर्म युद्ध मानने से इंकार किया। उनका कहना था कि यह लड़ाई सत्ता की थी, न कि धर्म की।

???? इतिहासकारों की राय

इतिहासकारों के बीच हल्दीघाटी युद्ध की 'हार-जीत' को लेकर मतभेद रहे हैं। उदयपुर के इतिहासकार डॉ. चंद्रशेखर शर्मा ने अपने शोध में दावा किया था कि हल्दीघाटी युद्ध में अकबर की सेना नहीं, बल्कि महाराणा प्रताप की सेना विजयी हुई थी। उन्होंने ताम्रपत्र, जमीन के पट्टे और विदेशी इतिहासकारों के लेखों को साक्ष्य के रूप में प्रस्तुत किया।

हालांकि, डॉ. शर्मा के दावों को तत्कालीन सरकार और जनता ने स्वीकार नहीं किया था। इसके बावजूद, उनकी किताब 'राष्ट्ररत्न महाराणा प्रताप' के माध्यम से उन्होंने हल्दीघाटी युद्ध के नए पहलुओं को सामने रखा।

???? राजनीतिक दृष्टिकोण

राजनीतिक दृष्टिकोण से, हल्दीघाटी युद्ध को लेकर विभिन्न दलों के बीच मतभेद रहे हैं। भाजपा ने इसे धर्म युद्ध मानते हुए पाठ्यक्रम में बदलाव किया था, जबकि कांग्रेस ने इसे सत्ता संघर्ष बताया। इस विषय पर विभिन्न दलों के नेताओं के बयान समय-समय पर विवादों का कारण बने हैं।

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