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नई दिल्ली। राजस्थान की भजनलाल सरकार नागरिकता संशोधन कानून ( सीएए ) का कानून का विरोध नहीं करेगी। सुप्रीम कोर्ट में पूर्ववर्ती अशोक गहलोत सरकार की ओर से दाखिल याचिका को भजनलाल सरकार ने वापस लेने का फैसला लिया है। राजस्थान सरकार ने CAA के खिलाफ दाखिल याचिका को वापस लेने के लिए सुप्रीम कोर्ट में अर्जी दी है। हाल ही में केंद्र सरकार ने सीएए कानून को पूरे देश में लागू किया है। इस कानून का देशभर में विरोध हो रहा है।

उल्लेखनीय है कि राजस्थान की पूर्ववर्ती अशोक गहलोत सरकार ने CAA के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल की थी, लेकिन अब वर्तमान भजनलाल शर्मा सरकार ने याचिका वापस लेने के लिए सुप्रीम कोर्ट में अर्जी दी है। सरकार के एडिशनल एडवोकेट जनरल शिवमंगल ने CAA के खिलाफ दाखिल याचिका को वापस लेने के लिए सुप्रीम कोर्ट में अर्जी दी है।

गौरतलब है कि सुप्रीम कोर्ट में CAA को चुनौती देने वाली कुल 237 याचिकाएं दाखिल की गयी थी। इन याचकाओं पर मंगलवार को सुनवाई हुई। कोर्ट ने केंद्र सरकार से CAA - 2024 के कार्यान्वयन पर रोक लगाने का आग्रह करने वाले आवेदनों पर तीन सप्ताह के भीतर जवाब देने को कहा है। शीर्ष अदालत ने CAA को प्रभावी बनाने वाले नियमों के क्रियान्वयन पर रोक लगाने से इनकार कर दिया।

याचिकाकर्ताओं के अधिवक्ताओं ने CAA की संवैधानिक वैधता को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर फैसला होने तक नियमों के क्रियान्वयन पर रोक लगाए जाने का आग्रह किया था। सीजेआई चंद्रचूड़, जस्टिस जे. बी. पारदीवाला और न्यायमूर्ति मनोज मिश्रा की पीठ से केंद्र की ओर से पेश सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा कि उन्हें 20 आवेदनों पर जवाब देने के लिए चार सप्ताह का समय चाहिए। इसपर कोर्ट ने केंद्र को नोटिस जारी करते हुए आवेदनों पर तीन सप्ताह के भीतर जवाब मांगा। 
 

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